लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन है बिहार में सत्ता का नया गठजोड़ : सतीश कुमार
पटना जनतांत्रिक लोकहित पार्टी ने बिहार में बने नई गठबंधन की सरकार को लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन बताया। पटना में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सतीश कुमार ने कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र को व्यक्तिवादी राजनीति के इर्द गिर्द लाने का प्रयास है। वहीं, नीतीश कुमार ने गणतंत्र को कठपुतली का इस्तेमाल कर साजिश के तहत इसे राजशाही की ओर धकेलने की कोशिश कर रहे हैं। इस तरह ऐसे लोग देश के गरीब और असमर्थ समाज को विषमतावादी समाज में तब्दील करना चाहते हैं, जिसका जनतांत्रिक लोकहित पार्टी हर स्तर पर विरोध करेगी। साथ ही लोकतंत्रविहीन भाजपा गठजोड़ के खिलाफ भी संघर्ष करेगी।
कुमार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा कि उनको राज्य हित, राष्ट्र हित और संविधान से कोई मतलब नहीं है। वे अपनी छवि के लिए आंकड़ों और शब्दों की बाजीगरी कर सिर्फ कुर्सी बचाना जानते हैं। दो – दो बार जनादेश का अपमान करने वाले नीतीश कुमार के लिए नैतिकता और जीरो टॉलरेंस महज दिखावा है। अगर नीतीश कुमार को राज्य हित की इतनी ही चिंता है तो क्यों नहीं राज्य के कृषि, विकास और शैक्षणिक व्यवस्था पर श्वेत पत्र जारी करते हैं ? पिछले 12 सालों के इनके शासनकाल में शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक विकास को तहस – नहस कर दिया।
उन्होंने कहा कि जीरो टॉलरेंस की बात करने वाले सुशासन बाबू को भाजपा के नेताओं का भ्रष्टाचार क्यों नजर नहीं आता है ? उन्हें अपने दाएं – बाएं चलने वालों की आर्थिक संसाधानों में बेतहाशा वृद्धि क्यों नहीं दिखाई देती है? अगर सांप्रदायिकता मुद्दे नहीं है, तो नीतीश कुमार बताएं कि तथाकथित गोरक्षा, धर्म एवं लव जेहाद मॉब लीचिंग जैसे मामलों में क्यों नहीं बोलते हैं।
वहीं, संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि राज्य में सत्ता का नया समीकरण, नैतिकता और जनादेश का उपहास है। नीतीश कुमार को सिर्फ कुर्सी प्यारी है। सत्ता के लिए वे नैतिकता, सिद्धांत और पुरखों की मर्यादा को ताक पर रखने में उन्हें कोई देरी नहीं लगती है। आज कल बिहार में कौन नेता किसको बनाया की बात चल रही है, जबकि सच तो ये है कि लालू – राबड़ी के जंगल राज और बिहार की खराब हालत के दौरान कुर्मी चेतना रैली ने नीतीश कुमार को नेता बनाया। उस कुर्मी रैली का जनक हमारे माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष सतीश कुमार जी थे।
कुमार ने कहा कि नीतीश को जब – जब जरूरत पड़ी, सतीश कुमार ने उनकी नि:स्वार्थ मदद की। मगर मतलब निकल जाने के बाद नीतीश को उनका अपमान करने से भी कोई गुरेज नहीं हुआ। इसलिए उन्होंने बिहार के युवाओं, किसानों और समाज के उन लोगों के लिए जनतांत्रिक लोकहित पार्टी की परिकल्पना कर एक नया विकल्प तैयार करने की पहल की है। यह पार्टी बिहार को राजनीतिक विकल्प देगी और जातिवादी राजनीति को समाप्त करेगी।