वर्ष 2025 तक हर हाल में हर खेत तक सिंचाई का पानी निश्चय योजना को पूर्ण करें : नीतीश
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सात निश्चय -2 के तहत हर खेत तक सिंचाई का पानी निश्चय योजना की समीक्षात्मक बैठक की गई। मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में हुई इस समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव लघु जल संसाधन विभाग श्री परमार रवि मनुभाई, प्रधान सचिव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग श्री अरविंद कुमार चौधरी, सचिव जल संसाधन श्री संजय अग्रवाल, प्रधान सचिव ऊर्जा विभाग श्री संजीव हंस एवं निदेशक कृषि ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से सात निश्चय-2 के तहत हर खेत तक सिंचाई का पानी निश्चय योजना के प्रगति प्रतिवेदन के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
अपर मुख्य सचिव लघु जल संसाधन परमार रवि मनुभाई ने मुख्यमंत्री के समक्ष दिए गये अपने प्रस्तुतीकरण में सात निश्चय-2 के तहत हर खेत तक सिंचाई का पानी निश्चय योजना की दिशा में किये जा रहे कार्यों की प्रगति की विस्तृत जानकारी दी। प्रस्तुतीकरण में अपर मुख्य सचिव लघु जल संसाधन ने हर खेत तक सिंचाई का पानी कार्यक्रम अंतर्गत लघु जल संसाधन विभाग की कार्ययोजना, वित्तीय वर्ष 2021-22 में स्वीकृत योजनाओं की विवरणी वित्तीय वर्ष 2021-22 में स्वीकृत योजनाओं की भौतिक प्रगति, आगामी वर्षों के प्रस्तावित कार्यक्रम के संबंध में जानकारी दी।
प्रधान सचिव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन अरविंद कुमार चौधरी ने हर खेत तक सिंचाई का पानी निश्चय योजना के तहत मनरेगा अंतर्गत किये जा रहे कार्यों की प्रगति के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हर खेत तक सिंचाई का पानी निश्चय योजना के तहत जो विभागीय योजनायें चल रही हैं वह अगले साल तक पूर्ण कर ली जायेंगी।
जल संसाधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से हर खेत तक सिंचाई का पानी निश्चय योजना के प्रगति प्रतिवेदन की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री को बिहार की भौगोलिक स्थिति के अंतर्गत कृषि योग्य भूमि, वृहद एवं मध्यम सिंचाई योजना, प्रखंड स्तरीय संयुक्त तकनीकी सर्वेक्षण दल, जिला स्तरीय संयुक्त अनुश्रवण दल, स्थानीय ग्रामीणों एवं किसानों के साथ बैठक, सिंचाई निश्चय मोबाइल एप में अपलोडिंग, योजनाओं का सूत्रण, चयनित योजनाओं की संपुष्टि आदि से अवगत कराया।स
- चिव जल संसाधन ने मुख्यमंत्री को विभागवार चयनित योजनाओं की समेकित रिपोर्ट, सिंचाई योजनाओं का वर्गीकरण, चयनित योजनाओं का विभागवार वितरण योजनाओं का कार्यान्वयन, जल संसाधन विभाग द्वारा कार्यान्वयन की जा रही योजनाओं का वार्षिक लक्ष्य, नदी जोड़ के माध्यम से सिंचाई योजना, सृजित सिंचाई कमांड क्षेत्र, सृजित सिंचाई क्षमता, सिंचाई के उपयोग में अंतर को कम करने की योजना अधूरी सिंचाई योजनाओं को पूर्ण करने की योजना, जल संसाधन विभाग के अंतर्गत बराज योजनायें, सिंचाई संबंधित अन्तर्राज्यीय मामले एवं नहरों के रखरखाव आदि की अद्यतन स्थिति के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
समीक्षात्मक बैठक में प्रधान सचिव ऊर्जा विभाग संजीव हंस ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से राज्य में कृषि हेतु विद्युत संबंध के आंकड़े, हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने हेतु मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना फेज-2 आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
कृषि निदेशक ने सात निश्चय-2 के तहत हर खेत तक सिंचाई का पानी निश्चय योजना के अंतर्गत वर्ष 2021-22 से 2025-28 तक पक्का चेकडैम निर्माण हेतु कार्य योजना, पक्का चेकडैम की विशेषताएं कृषि विभाग द्वारा बनाये जाने वाले पक्का चेकडैम 2022-23 का प्रगति प्रतिवेदन आदि के संबंध में अपने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 30 फीट तक के पक्का चेकडैम से 5 हेक्टेयर तक के क्षेत्र की सिंचाई होती है।
समीक्षात्मक बैठक में अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निश्चय-2 के संबंध में वर्ष 2021 में ही बैठक हुई थी। हर खेत तक सिंचाई का पानी, लक्ष्य के अनुरूप निर्धारित समय के अंदर पहुंचे, इसको लेकर तेजी से काम करने की जरूरत है। जितना जल्द हो सके हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचा दें, इस काम में तेजी लायें। उन्होंने कहा कि राज्य के अंदर नदियों को जोड़ने की दिशा में भी तेजी से काम करें ताकि किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध रहे। टाल क्षेत्र के लिए कैसी-कैसी योजनायें बनाई गयी हैं, उससे आप सभी भलीभांति अवगत हैं। सभी तरह की सुविधा दी गयी है। उन्होंने कहा कि पहले समस्तीपुर बाढ़ से कितना ज्यादा प्रभावित होता था। बेगूसराय, खगड़िया में काफी समय तक जलजमाव रहता था। भागलपुर के दक्षिणी और उत्तरी भाग की कैसी स्थिति रहती थी। बाढ़ आने पर दरभंगा, सीतामढ़ी और शिवहर में तो स्थिति और अधिक भयावह रहती थी। बाढ़ आने पर सीतामढ़ी और शिवहर के इलाके में तो 4 महीने तक आवागमन बाधित रहता था। चारों ओर पानी से यह इलाका डूबा रहता था। वर्ष 2005 में जाकर हमने देखा उसके बाद काफी काम कराया गया। अब सीतामढ़ी और शिवहर में आसानी से लोग सालों भर आवागमन करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 8 जनवरी 2021 की बैठक में हर खेत तक सिंचाई निश्चय योजना के संबंध में एक-एक बात पर चर्चा हुई थी। बड़ी योजनायें जल संसाधन विभाग को दी गयी हैं और इस काम में आपका सहयोग अन्य विभागों के लिए भी बहुत जरूरी है। हमलोगों ने जल संसाधन विभाग को बाढ़ प्रबंधन और सिंचाई कार्य के लिए दो भागों में बाँट दिया है ताकि दोनों ही काम बेहतर ढंग से ससमय हो सके। उन्होंने कहा कि अभियाताओं के साथ बैठक कर तेजी से काम को आगे बढायें। स्थल पर भी जाकर किये जा रहे कार्यों के अद्यतन स्थिति की समीक्षा करें। हर हाल में वर्ष 2025 तक इस योजना को पूर्ण करें। बांका, जमुई, भागलपुर, औरंगाबाद, कैमूर जैसे जिलों में आवश्यकतानुरूप चेकडैम का निर्माण करायें। चेकडैम के निर्माण से पर्यावरण संरक्षित और हरियाली बरकरार रहता है। चेकडैम से ग्राउंड वाटर भी रिचार्ज होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संसाधन विभाग को जो योजनायें सेंक्शन की गयी हैं, उसे जल्द से जल्द पूर्ण करें, इसके लिए जरूरत पड़े तो सेवानिवृत्त अभियंताओं की भी सेवा लें ताकि लक्ष्य के अनुरूप कार्य पूर्ण हो ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लघु जल संसाधन विभाग को अगर किसी प्रकार की कठिनाई हो रही है तो वे कृषि विभाग के साथ बैठक कर इस काम में मदद लें। उन्होंने कहा कि निजी नलकूप योजना को बढ़ाने की दिशा में भी संबंधित विभाग गहन विमर्श कर प्रस्ताव तैयार करें। सरकार की तरफ से हरसंभव सहयोग किया जाएगा। पिछली बैठकों में हुई बातों पर ध्यान देते हुए तेजी से काम को आगे बढ़ाएं ताकि निर्धारित समय सीमा के अंदर हर खेत तक सिंचाई निश्चय योजना का काम पूरा हो।