इन्फोटेन

वेब सीरीज बुलेट पेन मचा रही धूम

वेब सीरीज के निर्माता, एक्टर,एक्ट्रेस लगभग तमाम टेक्नीशियन बिहारी हैं 

पटना। नई वेब सीरिज बुलेट पेन पिछले दिनों एम एक्स प्लेयर पर रिलीज हुई। बता दें कि इस सीरिज के निर्माता, लीड हीरो, हीरोइन व टेक्नीशियन मूलतः बिहारी हैं। पटना के कालीदास रंगालय में  प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर उक्त जानकारी दी गयी। डायरेक्टर रितेश एस कुमार की वेब सीरिज कई रहस्यों और रोमांच से भरपूर है। इसके प्रोड्यूसर सुरेंद्र सिंह हैं।  फ़िल्म में निर्माता ने बिहार को ज्यादा से ज्यादा एक्सप्लोर किया है। सत्य घटना पर आधारित इस वेब सीरीज में बिहारी लड़का अभय यादव की कहानी है कि कैसे एक साधारण सा लड़का सिस्टम की नाकामी के कारण उसके साथ धोखा किया जाता है और उससे तंग आ कर वो बंदूक उठा लेता है। अभिनेता मनोज कुमार राव, सृजिता तिवारी, आदित्या सिंह, अमित कुमार व निजरे इनायत ने प्रमुख किरदार निभाए हैं। तमाम कलाकारों ने बेहतरीन अदाकारी से सभी का दिल जीत लिया। बता दें कि अभी इस सीरिज के 6 एपिसोड ही रिलीज किए गए हैं। जिसे दर्शकों का बेहतरीन रेस्पॉन्स मिल रहा है।

फ़िल्म के निर्माता सुरेंद्र सिंह ने प्रेस संबोधन में कहा बिहार में असीम संभावनाएं हैं। यहाँ के कलाकारों में अभिनय क्षमता की कोई कमी नही है, जरूरत है सरकार के प्रोत्साहन की। हमने इस वेब सीरीज के रूप में एक कोशिश की है दर्शकों के रिस्पॉन्स से खुश हूं आगे भी बिहार के लोकेशन, कलाकार व टेक्नीशियन के साथ ही फिल्में बनाऊंगा।
अभिनेता मनोज कुमार राव ने कहा मुझे इस फ़िल्म में काम करने का मौका मिला मैं न नहीं कर पाया, इस फ़िल्म को आप सम्पूर्ण बिहारी कह सकते हैं, जिसे देश भर में देखा जा रहा है। गर्व होगा जब इसे यहाँ के जनता एक बार देखें और अपनी प्रतिक्रिया हमे दे । ताकि इस फ़िल्म में रह गयी कमी अगली फिल्म में पूरा कर सकूं।

अभिनेत्री सृजिता तिवारी कहती हैं फ़िल्म में काम करना, फिल्मे रिलीज होना और अंततः दर्शकों को पसंद आना किसी भी कलाकार का अंतिम सपना है। आज ये सब जो हो रहा किसी सपने से कम नही है।

अभिनेता आदित्य सिंह ने भी फ़िल्म के रिलीज होने पर खुशी जाहिर की है। सम्राट साइन विजन प्रेजेंट वेब सीरीज बुलेट पेन के निर्माता व स्टोरी राइटर सुरेंद्र सिंह, निर्देशक रितेश एस  कुमार, डीओपी त्रिलोकी चौधरी, एडिटर अर्जुन प्रजापति हैं।

 

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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