शरणस्थली के तौर पर बिहार का इस्तेमाल कर रहे हैं आतंकी
बिहार पुलिस ने हरकत उल जेहाद अल इस्लाम (हूजी) का एक सदस्य रियाउल सरकार को पुलिस ने किशनगंज में गिरफ्तार किया है। इसे बिहार पुलिस भले ही एक बड़ी सफलता मान रही हैं, लेकिन जिस तरह से आतंकी संगठन बिहार में अपना पैठ बनाये हुये वह आने वाले दिनों में बिहार वासियों के लिए परेशानी का शबब बन सकती है। फिलहाल आतंकी संगठन बिहार का इस्तेमाल डिपो के तौर पर कर रहे हैं, सूबे के अंदर विस्फोट करने के लक्ष्य उनके सामने नहीं दिख रहा है। हूजी का गिरफ्तार आंतकी रियाजुल सरकार मेहताब आलम के यहां रह रहा था। उसके पास तीन मोबाइल फोन भी थे, जिनमें करीब 80 हजार रुपये से अधिक का बैलेंस था। इसके अलावा कुछ दस्तावेज भी पुलिस के हाथ लगे हैं, जिनकी पड़ताल अभी की जा रही है। राज्य के पुलिस महानिदेशक नीलमणि के मुताबिक रियाजुल पिछले सात दिनों से यहां रह रहा था। गिरफ्तारी के बाद वह लगातार बयान बदलता रहा।
कुछ दिन पहले एक फर्जी पासपोर्ट का मामला भी किशनगंज जिले में सामने आया था। हैदराबाद कार्यालय से जारी एक पासपोर्ट में फोटो तबरेज का था जबकि नाम मोहम्मद रहीमुद्दीन लिखा हुआ था। किशनगंज में मुस्लिम आबादी अधिक है, इसलिये इसके इलाके का इस्तेमाल आतंकी संगठन एक रणनीति के तहत कर रहे हैं। यहां से सीमा पार बैठे आतंकियों से भी सहजता से कनेक्शन किया जाता है। रियासुल ढांका का रहने वाला है, और आतंक के नेटवर्क से जुड़ा हुआ है।
बिहार का स्थान आतंकी शरणस्थली के तौर पर कर रहे हैं। अब तक कई खतरनाक आतंकी बिहार से पकड़े जा चुके हैं जो निसंदेह चिंता का विषय है। मुंबई में सिरियल ट्रेन धमाके में लिप्त लश्करे तोएबा के सदस्य जियाउदीन अंसारी को पटना के फुलवारी शरीफ से गिरफ्तार किया था, जिससे पता चलता है कि बिहार के मुसलिम बाहुल इलाकों का इस्तेमाल आतंकी संगठन खुद को छुपाने के लिए लंबे समय से करते आ रहे हैं।
फिलहाल आतंकी बिहार को टारगेज नहीं कर कर रहे हैं, शायद यही वजह है कि बिहार पुलिस भी इसे एक चुनौती के रूप में नहीं ले रही हैं। सरकार भी इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है। बिहार के कई इलाके ऐसे हैं जहां पर बांग्लादेशी शरणार्थियों की भरमार है। यहां तक राजधानी पटना में बांग्लादेशी शरणार्थियों को देखा जा सकता है। फुलवारी और हारूल नगर के इलाकों में तो बांग्लादेशी शरणार्थी भरे पड़े हैं। बंग्लादेशी शरणार्थियों को लेकर अभी तक सरकार नींद की स्थिति में है। हो भी क्यों न ये वोट बैंक का जो मामला है। लेकिन इतना तय है कि यदि समय रहते इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं होती है तो वो दिन भी दूर नहीं जब पटना या आसपास के इलाकों को भी आतंकी उड़ाने लगेंगे।