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साहित्य सम्मेलन का १०४वाँ स्थापना दिवस समारोह १४ नवम्बर को

केरल के राज्यपाल करेंगे उद्घाटन, सम्मानित होंगे साहित्यसेवी, स्थायी समिति की भी होगी बैठक 

पटना । बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन का १०४वाँ स्थापना दिवस समारोह २० नवम्बर, २०२२ के स्थान पर, अब १४ नवम्बर ,२०२२ को आहूत होगा। सम्मेलन सभागार में शनिवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी देते हुए, सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने बताया है कि समारोह का उद्घाटन केरल के महामहिम राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद खान करेंगे। महामहिम राज्यपाल को सम्मेलन की सर्वोच्च मानद उपाधि ‘विद्या वाचस्पति’ से भी विभूषित किया जाएगा।
डा सुलभ के अनुसार १४ नवम्बर को अपराह्न तीन बजे सम्मेलन की स्थायी समिति की बैठक होगी। उसके पश्चात एक राष्ट्रीय कवी सम्मेलन होगा। समारोह का विधिवत उद्घाटन महामहिम द्वारा अपराह्न साढ़े पाँच बजे किया जाएगा। इसी सत्र में हिन्दी भाषा और साहित्य के उन्नयन में, महत्त्वपूर्ण अवदान करने वाली विभूतियों को ‘साहित्य मार्तण्ड’, साहित्य चूड़ामणि’ तथा ‘साहित्य शार्दूल’ की उपाधियों से भी अलंकृत किया जाएगा। इस अवसर पर आयोजन समिति के स्वागताध्यक्ष और पूर्व सांसद रवींद्र किशोर सिंहा, न्यायमूर्ति मृदुला मिश्र, न्यायमूर्ति राजेंद्र प्रसाद तथा दूरदर्शन बिहार के कार्यक्रम प्रमुख डा राज कुमार नाहर समेत सम्मेलन के अधिकारीगण और देश की अनेक साहित्यिक विभूतियाँ उपस्थित रहेंगी।
संवाददाता सम्मेलन में सम्मेलन की उपाध्यक्ष डा कल्याणी कुसुम सिंह, डा पुष्पा जमुआर, डा पूनम आनंद, डा सुनील कुमार दूबे, आचार्य विजय गुंजन, डा मेहता नगेंद्र सिंह, डा शालिनी पांडेय, डा नागेश्वर प्रसाद यादव, डा अर्चना त्रिपाठी, कुमार अनुपम, प्रेमलता सिंह राजपुत, सागरिका राय, कृष्ण रंजन सिंह, डा प्रतिभा रानी, डा अमरनाथ प्रसाद, डा मनोज गोवर्द्धनपुरी, संजीव कुमार मिश्र, डा पंकज वासिनी डा सुमेधा पाठक तथा ज्ञानेश्वर शर्मा, उपस्थित थे।

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