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होटल मौर्य में वेलमेटिक हेल्थ केयर के फ्लैगशिप ब्रांड को किया गया लॉन्च

पटना : सुंदरता में स्वास्थ्य, स्वच्छता के साथ हर भारतीय के चेहरे पर मुस्कान लाने के विजन वाली कंपनी वेलमेटिक हेल्थ केयर ने आज पटना के मौर्या होटल में अपने फ्लैगशिप ब्रांड को लॉन्च किया। ब्रांड को सीईओ शहूर आर इकबाल और सीएमडी सैयद मुस्तफा हुसैन के हाथों लॉन्च किया गया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमारी कंपनी के पास 1. स्वास्थ्य देखभाल 2. व्यक्तिगत देखभाल और 3. बच्चों की देखभाल की तीन अलग-अलग श्रेणियों में 35 उत्पाद हैं। और आज भी दो प्रमुख उत्पाद ऐश वेल और वेल एच लॉन्च किए गए हैं। हमारा मकसद लोगों को निरोग करना है। इसकी के तहत आज हमने ये लांच किया है, जो आज से शॉप से लेकर ऑनलाइन मार्केट में उपलब्ध हैं। आप कहीं से भी आसानी से इस ब्रांड के उत्पाद की सुविधा ले सकते हैं।

मालूम हो कि अपने पिता स्वर्गीय सैयद मंज़र हुसैन की विरासत में मिली इच्छा को पूरा करने के सपने के साथ, ब्रांड सुरक्षा के क्षेत्र में कार्यरथ, सीएमडी सैयद मुस्तफा हुसैन ने वेलमैटिक हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड की कल्पना की थी। सैयद मंज़र हुसैन ने 1970 के दशक की कुछ आयुर्वेदिक दवाओं को शुरू करके भारत को रोग मुक्त बनाने की दिशा में पहला कदम उठाया था, जो मनुष्यों और जानवरों दोनों पर समान रूप से प्रभावी थीं। 1979 में उन्होंने एक पेशेवर तरीके से उत्पादों की मार्केटिंग करने के लिए आइडियल हर्ब इंडस्ट्री नाम से एक छोटी सी कंपनी शुरू की। दुर्भाग्य से, वह इस कंपनी को पूरे देश की सेवा करने के सपने को साकार करने के लिए अधिक समय तक जीवित नहीं रहे। उन्होंने इस विशाल कार्य को अपने बड़े बेटे सैयद मुस्तफा हुसैन के कन्धों पर उठाने के लिए छोड़ दिया।
सैयद मुस्तफा हुसैन अपने पिता के सपने को संजोने के लिए इस दिशा पर आगे बढ़ना जारी रखे। प्रत्येक भारतीय को स्वस्थ, स्वच्छ और सुंदर बनाने के मिशन के साथ, वेलमैटिक हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड की शुरुआत हुई।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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