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ईशा देओल तख्तानी निर्माता प्रदीप रंगवानी की फ़िल्म में अमित साध के साथ बड़े पर्दे पर वापसी करेंगी

अमरनाथ, मुंबई।

ईशा देओल तख्तानी का पिछला प्रोजेक्ट अजय देवगन का वेब शो ‘रुद्र: द एज ऑफ डार्कनेस’ था, इसके माध्यम से ओटीटी स्पेस में उनकी सफल शुरुआत हुई थी। यह खूबसूरत अभिनेत्री अब अमित साध, तिग्मांशु धूलिया, सीमा बिस्वास और मिलिंद गुणाजी अभिनीत एक अनाम फिल्म के साथ बड़े पर्दे पर वापस आ रही हैं।

इससे पहले ‘सुल्तान’ के अभिनेता ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर फिल्म से अपना पहला लुक साझा किया था। जहां अमित एक एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की भूमिका निभाएंगे, वहीं वह पहली बार ईशा देओल के साथ नजर आएंगे। ‘धूम’ की अभिनेत्री ईशा पहले से ही फिल्म को लेकर उत्साहित हैं और वह अमित की अद्भुत प्रतिभा की प्रशंसा किए बिना नहीं रह सकीं।

इसके अलावा, अभिनेत्री इस फ़िल्म में अपनी भूमिका से अभिभूत हैं। उन्होंने कहा, “फिल्म में मेरी भूमिका जीवन में महिलाओं के विकास को दर्शाती है। यह एक मजबूत लेकिन सरल संदेश देती है कि एक महिला सबकुछ हासिल कर सकती है। मेरा किरदार प्रभावी रूप से दर्शाता है कि कैसे एक महिला खुद को खोजती है और जीवन में कुछ बड़ा करती है।”

ईशा देओल तख्तानी ने ‘काई पो छे! एक्टर अमित साध की प्रशंसा की। उन्हें एक शानदार कलाकार कहते हुए, ईशा ने खुलासा किया कि वह अमित को अभिनेताओं के नए ग्रुप में काफी बेहतर मानती हैं। “मैंने अजय देवगन के वेब शो ‘रुद्र’ के साथ अपनी वापसी की, और मैं सुनील शेट्टी के साथ एक प्रोजेक्ट पर भी काम कर रही हूं। इन दोनों अभिनेताओं के साथ अतीत में कई प्रोजेक्ट्स पर काम करने के बाद, एक सहजता के एहसास हुआ है। अब मेरा अमित के साथ काम करके एक नया अनुभव है क्योंकि वह नए अभिनेताओं में से हैं।” ईशा ने कहा।

प्रदीप रंगवानी द्वारा निर्मित, ‘प्रोडक्शन नंबर- 4’ सचिन सर्राफ द्वारा लिखित और निर्देशित फ़िल्म है। फिल्म यूवी फिल्म्स के बैनर तले बनने जा रही है। फिल्म मेकर का देओल परिवार के साथ लंबा साथ रहा है। सचिन सराफ अनिल शर्मा के सहायक थे जिन्होंने देओल फैमिली के साथ कई प्रोजेक्ट्स पर काम किया है। अंत मे ईशा ने कहा, “मुझे इसकी शूटिंग पसंद है और अनुभव बड़ा सहज रहा है। सचिन सराफ एक उत्साही निर्देशक हैं। मैं उन्हें उनके भविष्य के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं देती हूं।”

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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