कार्मेल प्राइमरी स्कूल में पेरेन्टस डे का आयोजन
कार्मेल हाई-स्कूल,पटना के प्राइमरी सेक्शन के द्वारा क्रिसमस के आगमन के मौके पर पेरेन्ट्स डे का आयोजन किया गया। नन्हीं छात्राओं के बीच मुख्य अतिथि के रुप में श्री रामदेव प्रसाद, चेयरमैन, बिहार राज्य बाल श्रम आयोग, उपस्थित थे । छात्राओं ने स्वागत गीत के साथ श्री प्रसाद एवं उपस्थित अभिभावकों का स्वागत किया ।
विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सिस्टर सुजाता ने अपने संक्षिप्त भाषण के द्वारा आमंत्रित अतिथियों को धन्यवाद दिया एवं श्री रामदेव प्रसाद के व्यक्तित्व की जानकारी दी ।
श्री रामदेव प्रसाद ने अपने आमंत्रण पर स्कूल प्रशासन के साथ सिस्टर सुजाता का धन्यवाद किया एवं अपनी हार्दिक खुशी जताई। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष मैं इसी तरह के एक कार्यक्रम में लोयला स्कूल में आमंत्रित था, जहां ग्रैंड-पेरेंट्स डे का आयोजन था । मुझे नहीं लगता कि इस तरह के आयोजन की आवश्यकता हमारे देश भारत में है क्योंकि हमलोगों को अपने अभिभावकों को अलग से याद करने की जरुरत नहीं होती, वे तो 365 दिन हमारी यादों में रहते हैं। हाँ ! ऐसे कार्यक्रमों से बच्चों की प्रतिभा को अवश्य उभरने का मौका मिलता है। उन्होंने बच्चियों के मंत्रमुग्ध कर देने वाले नृत्यों पर स्वीकार किया कि दुर्गा , लक्ष्मी , एवं सरस्वति का रुप भी कभी इन्हीं बालिकाओं जैसा रहा होगा। शिक्षिकाओं को माली की तरह बताया ,जिनके अथक प्रयासों से बगिया की कली सुन्दर सुन्दर फूल बनकर निखरती हैं।
व्यस्त रहो, मस्त रहो , स्वस्थ रहो जैसे वाक्य में व्यक्ति के स्वास्थ का राज छिपा है। बच्चे तो ईश्वर का रुप हैं, अभिभावकों की बेहतर भागीदारी ही इन्हें एक बेहतर इंसान बना सकती है। अच्छी और संस्कारी शिक्षा की वकालत करते हुये उन्होंने कहा कि संस्कार के बिना कोई भी शिक्षा अधूरी है और यह मुमकिन है अच्छे और शिक्षित शिक्षकों के द्वारा ।
अपने विभागीय बातों के बारे में उन्होंने बताया कि 1919 से बाल श्रम कानून बना हुआ है जिसके तहत 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को किसी भी खतरनाक कार्यों में लगाना गैरकानूनी है, पर 91 साल पहले का प्रयास आज भी पूरी तरह सफल नहीं है। हमें उस दिशा में भी प्रयास करना चाहिये।
स्कूली छात्राओं ने विभिन्न गीतों पर अति मनमोहक नृत्य एवं नाट्य प्रस्तुत किये। बीच-बीच में छोटे छोटे नाट्यों के साथ सांता क्लौज की उपस्थिति अत्यंत मनमोहक थी। शकीरा द्वारा विश्व कप फुटबाल में प्रस्तुत किये गये गीत वक्का-वक्का को नन्हीं छात्राओं ने अत्यंत मनमोहक अंदाज में पेश किया ।
बच्चों के इस रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुति में विद्यालय की शिक्षिकाओं की भी भागीदारी अत्यंत सराहनीय थी ।मिस निर्मला, रीता, माला, सीमा एवं सिस्टर का सहयोग नन्हीं बालाओं में जोश भर रहा था । कार्यक्रम के आखिरी में राष्ट्रगाण जण-गण-मन का गायन बच्चों में राष्ट्रीयता भरने का एक उत्तम प्रयास था।
A very nice information of my school’s parents day.WELL DONE.
खुशी हुई … सुखद लगा कि हमारी पुत्रियाँ भी इसी स्कूल में हैं
सादर
पैरेन्ट्स डे पर आयोजित कार्यक्रम की जीतनी सराहना की जाए कम है पैरेन्ट्स डे का आयोजन बच्चों को प्रोत्साहित करने का ऊत्तम कार्यक्रम है ॥