दोस्ती और रिश्तों की नयी परिभाषा है धारवाहिक परीक्षा गुरु
राजू वोहरा, नई दिल्ली
दोस्ती के बीच लालच और फिर उसे बदनाम कर अपने मंतव्यों को साधने वाले रिश्तों की कहानी बड़ी दर्दनाक होती है .पर दोस्ती ही एक ऐसा रिश्ता भी होती है जो इस लालच और फरेब से परे रिश्तों की एक नयी परिभाषा भी बनाती है. दूरदर्शन पर इसी पखवाड़े शुरू होने वाले उसके क्लासिक शरनी के नए धारावाहिक परीक्षा गुरू का भी यही आधार है. इसी बृहस्पतिवार 21 जुलाई से से डीडी नेशनल अपने क्लासिक धारावाहिक श्रेणी के तहत परीक्षा गुरू का प्रसारण सुबह साढे़ नौ बजे से करेगा। 1882 में लाला श्रीनिवास दास द्वारा लिखे गए हिन्दी के पहले उपन्यास परीक्षा गुरू पर आधारित इस धारावाहिक को इसी नाम से बनाया गया है. संजय डी. सिंह द्वारा निर्देशित इस धारावाहिक की पटकथा और संवाद अमित कुमार ने लिखे हैं . इस धारावाहिक के प्रस्तुतकर्ता हैं श्रीकांत सक्सेना और इसका निर्माण दूरदर्शन के केन्द्रीय कार्यक्रम निर्माण केन्द्र की ओर से किया गया है।
धारावाहिक की कहानी एक ऐसे अमीर, सहृदय और ईमानदार लेकिन दिखावे की जिन्दगी जीने वाले मदनमोहन [रमेश मनचंदा ] नामक रईस की है, जो हर वक्त चाटुकार किस्म के लोगों से घिरा रहता है। मदनमोहन अपने दोस्तों पर आंख मूंद कर भरोसा करता है, लेकिन उसके दोस्त [संजय श्रीवास्तव , हेमंत झा, नदीम खान ] अपने स्वार्थ के चलते उसकी दौलत उड़ाते रहते हैं। धीरे-धीरे उसके दोस्त मदनमोहन को कंगाल बना देते हैं। इसकी जानकारी मदन मोहन को तब होती है जब एक दिन उसका कपडे बेचने वाला एक दोस्त [फिरोज जाहिद खान ] उसे कपड़ा देने से इसलिए मना कर देता है कि उसका पिछला बकाया पैसा उसे नहीं मिला। इस बारे में जब मदनमोहन दोस्त मुनीम [हेमंत झा ]से पूछते हैं तो वह साफ मना कर देता है और बजाज को धक्के देकर हवेली से निकाल देता है। बजाज उनसे बदला लेने की धमकी दे चला जाता है। बजाज की धमकी से परेशान मदनमोहन का मन बहलाने के लिए उसके दोस्त उसे जुए और मुजरे की आदत डाल देते हैं। इसी दौरान बजाज मदनमोहन के खिलाफ कोर्ट में शिकायत कर देता है और पूरे शहर में मदनमोहन के दिवालिया होने की खबर फैला देता है। देखते ही देखते मदनमोहन की हवेली में कर्जदारों की लाइन लग जाती है और अंतत मदनमोहन को जेल हो जाती है. धीरे धीरे उसे सारे दोस्त छोड़कर लापता हो जाते हैं.ऐसे में मदनमोहन की की पत्नी [रमा श्रीवास्तव] को मदनमोहन के बचपन के वकील दोस्त [राजेश भारद्वाज] की याद आती है . यह वकील वही दोस्त है जिसे मदनमोहन के पिता ने गरीबी से उठाकर पढ़ाया लिखाया था और एक दिन अपने दोस्तों का सच कहने पर उसे घर से बाहर निकाल दिया था. अपने इस वकील दोस्त और पत्नी की मदद से मदनमोहन रिहा होते हैं पर दोस्ती की परख का येही सच उसके लिए खुद का परीक्षा गुरु भी साबित होता है. कहानी मे कई उतार-चढ़ाव आते हैं। धारावाहिक में रमेश मनचंदा, रमा श्रीवास्तव, फिरोज जाहीद़ खान, हेमंत झा, मास्टर अमृत, एसएन केसरी, अर्चना रहलन, मनीष आजाद, नेहा राठौर, राजेश भारद्वाज, अमित पहलवान, अनिल कुमार,सूर्य किशोर , रमन चावला, मनोज नायर,देवी दत्त कालोनिया ,प्रियंका और सूत्रधार की भूमिका में रामकिशोर पारचा की भूमिकाएँ हैं। प्रसारण समय दूरदर्शन के नेशनल चेनल पर हर गुरुवार सुबह साढ़े नौ बजे.