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द भीम ग्रेट आर्मी के राष्ट्रीय संयोजक अमर आज़ाद हुए जनतांत्रिक विकास पार्टी में शामिल

पटना। द भीम ग्रेट आर्मी के राष्ट्रीय संयोजक सह बोचहां सीट से प्रत्याशी रहे अमर आज़ाद आजाद आज जनतांत्रिक विकास पार्टी (जविपा) में शामिल हो गये. पटना के महाराजा कामेश्वर कम्प्लेक्स में आयोजित जविपा के मिलन समारोह में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल कुमार ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई. इसके अलावा उन्होंने द भीम ग्रेट आर्मी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मंटू कुमार, बिहार अध्यक्ष गौतम कुमार, विद्या यादव, बिरेन्द्र कुमार भारती, विश्वनाथ पासवान, रजनीश पासवान, सुधीर रजक, जीतेन्द्र कुमार, नरेश पासवान, विक्रम पासवान शाजिद हुसैन समेत कई अन्य युवाओं को भी पार्टी की सदस्यता दिलाई. इस मौके पर उन्होंने उनका स्वागत करते हुए कहा कि अमर आजाद और उनके साथ शामिल तमाम युवाओं के आने से हमारी पार्टी मजबूत होगी. हम मिलकर बिहार में नई क्रांति की कहानी लिखेंगे. ये कहानी उन गरीब, दलित, शोषित, वंचित, आदिवासी और समाज की मुख्य धारा से दूर लोगों को जोड़ने की होगी.
अनिल कुमार ने कहा कि आज देश में बाबा साहब के संविधान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. आये दिन संविधान की आत्मा पर सत्ता में बैठे लोग हमला कर रहे हैं. उनकी साजिश के खिलाफ बाबा साहब के संविधान को बचाने के लिए हम लोग जान लगा देंगे. उन्होंने कहा कि अमर आजाद के साथ आज पार्टी में शामिल हुए तमाम युवाओं के साथ हम मजबूत होंगे और शोषितों पर हो रहे जुल्म का मजबूती के साथ मुकाबला करेंगे.
वहीं, जविपा की सदस्यता लेने के बाद अमर आज़ाद ने कहा कि हम सभी बाबा साहब के संविधान और उसमें से हर देशवासियों को मिले अधिकार के साथ हैं और यह देश संविधान से ही चलेगा. इसलिए आज हम जविपा में शामिल हुए हैं और आने वाले दिनों में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल कुमार के नेतृत्व में बिहार के कोने – कोने के गरीब, वंचित समाज की समस्या, भारतीय संविधान की सुरक्षा, संवैधानिक अधिकारों के लिए संघर्ष और समान आर्थिक फॉर्मूला के लड़ाई लड़ेंगे. हम उनके मार्गदर्शन में पार्टी को गांव – गांव तक पहुँचाने का काम करेंगे. सबसे बड़ी बात कि हम देश की बहुसंख्यक वंचित और शोषित लोगों के लिए संघर्ष करने वाले साथियों को पार्टी से जोड़ कर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ेंगे.

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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