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पटना जंक्शन पर खुला गार्गी एक्सक्यूटिव लाउंज एवं फूड कोर्ट

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की सोच को स्थापित करने हेतु पटना जंक्शन पर भारतीय रेलवे के लिए विश्व स्तरीय बुनियादी ढाँचा बनाने और बिहार पर्यटन को विकसित करने के लिए पटना के गार्गी होटल्स ने यात्रियों के आरामदायक सुविधा के लिए गार्गी एक्सक्यूटिव लाउंज एवं फूड कोर्ट की शुरुआत की है.जो पटना जंक्शन को आधुनिकतम स्टेशन के दायरे में लाता है ,जो भारत के अन्य महत्वपूर्ण मेट्रो शहरों की तुलना में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाता है. इसकी शुरुआत डीआरएम एवं मिसेज डीआरएम , एडीआरएम एवं मिसेज एडीआरएम फर्स्ट कस्टमर के रूप में उपस्थित होकर करेंगे.

बता दें कि पटना जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर-1 पर गार्गी एक्सक्यूटिव लाउंज एवं फूड कोर्ट की शुरुआत की है जिसमें यात्रियों को सफ़र के दौरान प्रतीक्षा करने और फ्रेश होने से लेकर फ़ूड की एवं टेकअवे काउंटर भी सुविधा होगी. गार्गी एक्सक्यूटिव लाउंज एवं फूड कोर्ट में यात्रियों की सूचना के लिए कई तरह के आधुनिक व्यवस्था एवं सेवा की भी व्यवस्था की गयी है. यहां- चौबीस घंटे फूड कोर्ट, यात्रा डेस्क, एसी आराम सूट, व्यापार केंद्र, फूड टेकअवे काउंटर, स्मारिका की दुकान, वेटिंग लाउंज, स्नान की सुविधा, क्लोक रूम/सामान, रैक, चाय और जूस की दुकान, वाईफाई उपलब्धता, ट्रेन सूचना प्रदर्शन, मिड नाइट बुफे ,आदि कई सुविधाएं उपलब्ध रहेगी.

यह परियोजना बिहार के पर्यटन को विकसित करने के लिए उत्कृष्टता और दृढ़ संकल्प के साथ एक अभियंता श्री आर के सिंह के दृढ़ संकल्प, कड़ी मेहनत और विचार प्रक्रिया के कारण अस्तित्व में आई। यह लाउंज सभी आधुनिक उपकरणों और गैजेट्स से लैस है जो यात्रियों के लिए यात्रा को सुगम बनाता है जहां बिना किसी अधिक बोझ के यात्री आराम कर सकते हैं या प्रस्थान से पहले और ट्रेनों के आने के बाद खुद को तनावमुक्त महसूस कर सकते हैं।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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