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बिहार बंद के दौरान टेहटा में गाड़ियों को फूंका

जहानाबाद में प्रदर्शनकारी छात्रों ने एक बस एबं एक ट्रक को आग के हवाले कर दिया है बस के पास खड़ी एक ट्रक में भी उपद्रवियों ने आग लगा दी है। घटना जहानाबाद टेहटा ओपी क्षेत्र की है। पटना–गया सड़क मार्ग के रेलवे गुमटी के पास खड़ी बस को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया। इसके बाद जहानाबाद के डीएम और एसपी तुरंत मौके पर पहुंचे हैं किसी तरह हालात को काबू में लिया गया है। इस दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों ने पुलिस पर पथराव किया है। इस पत्थरबाजी में टेहटा ओपी के प्रभारी धीरज कुमार घायल हो गए हैं। आज बंद के दौरान सुबह में ही प्रदर्शनकारी छात्रों के द्वारा पटना गया राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 83 पर टेहटा बाईपास के समीप जमकर तांडव मचाया गया सड़क के किनारे लगे एक बस और एक ट्रक को पूरी तरह से आग के हवाले कर दिया उपद्रवी छात्रों का गुस्सा बेकाबू दिख रहा था छात्रों के द्वारा रेलवे ट्रैक से जमकर रोड बाजी भी की गई और इसी रोडे बाजी में टेहटा ओ पी के प्रभारी धीरज कुमार का सर फट गया और वह बुरी तरह से घायल हो गए। हालात इतने बेकाबू थे कि मौके पर जहानाबाद डीएम रिची पाण्डेय एसपी दीपक रंजन मौके पर पहुंचकर काफी मशक्कत के बाद उपद्रवियों को खदेड़ा और उसके बाद पुलिस ने कुछ उपद्रव कर रहे छात्रों को भी हिरासत में लिया है लगभग दो घंटे उत्पात मचाने के बाद काफी मुश्किल से मामला को शांत किया गया एसपी दीपक रंजन के द्वारा जहानाबाद पुलिस केंद्र से अतिरिक्त सुरक्षा बल बुलाया गया एबम आसपास के कई थानों के थाना प्रभारियों को भी बुलाकर उपद्रवी छात्रों को रेलवे ट्रैक व सड़क मार्ग से खदेड़ा गया तब कहीं जाकर मामला शांत हो पाया वहीं इस मामले में जहानाबाद एसपी ने बताया है कि हिरासत में कुछ लिए गए लोगों से पूछताछ की जा रही है और इस तरह की घटना में कौन-कौन लोग शामिल है सभी लोगो को चिन्हित कर उनलोगों पर उचित कानूनी कारबाई की जाएगी।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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