लिटरेचर लव
भारत की अति पुण्य-भूमि है (कविता)
भारत की अति पुण्य- भूमि है
मोक्ष की गति द्वार ही है
अहिल्या को जहाँ जीवन मिला
बुध को जहाँ ब्रह्म-ज्ञान मिला
वह गौतम- स्थान यहीं है
वह गया – धाम यहीं है
शिव-शम्भू जहाँ स्वयं बिराजे
जहाँ पुरुषोत्तम श्री राम पधारे
बैजनाथ की नगरी यहीं है
दशरथ की जनकपुरी यहीं है
भारत की अति पुण्य-भूमि है
मोक्ष की गति द्वार यहीं है
जहाँ विश्व विजयी आकर हारा
जिसके सपूत ने अंग्रेजों को ललकारा
वह वीर-भूमि मगध यहीं है
वह वीर-भूमि सारण यही है
जहा रश्मिरथी की रचना हुई
जहाँ बिस्मिल्लाह की शहनाई बजी
दिनकर का सिमरिया घाट यहीं है
उस्ताद का डुमराव यहीं है
भारत की अति पुण्य-भूमि है
मोक्ष की गति द्वार यहीं है
जय हो जय हो अपना बिहार!