हार्ड हिट
editor
सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।
Related Articles
लोगों को गालियां देते हुये निकलता है नीतीश का काफिला
February 26, 2011
भागलपुर के मायागंज अस्पताल के आउटडोर के दूसरे तल पर शॉर्ट सर्किट से लगी आग, मची अफरा-तफरी
June 10, 2022
खनन माफियाओं के दबाव में सोनभद्र के जिलाधिकारी सुभाष एल.वाई का तबादला
September 22, 2012
Check Also
Close
-
अराजकता का बेहतर सपूत है उत्सव शर्मा हैJanuary 27, 2011