मेरे काम को दर्शको और निर्माता-निर्देशकों दोनों ने खूब सराहा- पारस जायसवाल
राजू बोहरा नई दिल्ली,
जहां एक सीरियल को लिखने के लिए तीन से चार लेखकों की ज़रुरत होती है, वहीं पारस जायसवाल अकेले एक वक़्त में छः सीरियल लिखते हैं । उनका परिचय इतना ही काफी है की वो अब तक सौ से अधिक सीरियल और फि़ल्में लिख चुके हैं । गौरतलब बात यह है कि वह सिर्फ़ दूरदर्शन के लिए ही पैंतालीस चर्चित सीरियल लिख चुके हैं और अभी भी दूरदर्शन पर ”लकीरे किस्मत की“ लिख रहे हैं जो दर्शको के बीच काफ़ी लोकप्रिय है। इसके अलावा उनके लिखे दो नये डेली सीरियल दूरदर्शन पर प्राइम टाइम में शुरू हो रहे हैं ।जिनमे से सीरियल का नाम है ”दर्द का रिश्ता “ जो 17 नवम्बर रात 9.30 बजे दूरदर्शन के नेशनल चैनल पर शुरू हो रहा है जिसके निर्देशक प्रमोद कपूर है।
इस सीरियल की शूटिंग मुंबई के साथ-साथ हरिद्वार की खूबसूरत लोकेशन पे भी हो रही है ।
पारस जायसवाल के बारे में निर्माता-निर्देशक प्रमोद कपूर का कहना है कि पारस जायसवाल एक सुलझे हुए और बेहतरीन लेखक हैं, जिनकी लेखनी से सिर्फ़ वही नहीं, टीम का हर सदस्य संतुष्ट रहता है चाहे वो कलाकार हो, प्रोडक्षन हाउस हो या फिर चैनल हो पारस जायसवाल दर्शको की पसंद को भली-भांति समझते हैं और इसीलिए हर बार उनकी हर लेखनी दर्शको की कसौटी पर ख़री उतरती हैं । हमने उनके दूसरे कई निर्माताओं से बात की, सबका तकरीबन यही कहना था । उनके एक दूसरे प्रोडूसर शोएब चौधरी जिसका डेली सीरियल ”जि़न्दगी एक भंवर“ का प्रसारण भी 17 नवम्बर से ही रात को 9 बजे से शुरू हो रहा है । वह भी पारस जायसवाल की लेखनी से खासे खुश नज़र आ रहे है । पारस जायसवाल के बारे में इतना सब कुछ जानने के बाद हमने पारस जायसवाल से मुलाक़ात की और हमने उनसे पूछा कि वो निर्माता-निर्देशकों के पसंदीदा लेखक कैसे बने हुए हैं ? तो पारस जायसवाल का कहना था कि काम के प्रति लगन, प्रोडक्षन कम्पनी की समस्याओं को समझना और सुलझाना । वह जिस प्रोजेक्ट के लिए काम करते हैं, उस प्रोडक्षन का एक-एक सदस्य उनके सम्पर्क में होता है । कभी ऐसा नहीं हुआ कि उनकी स्क्रीप्ट की वजह से उनके किसी सीरियल की सेट पर आधे घंटे की शूटिंग भी रुकी हो और उससे भी बड़ी बात ये है कि हर सब्जेक्ट पर पकड़ .. कहानी का विषय चाहे जो भी हो वह उसकी ग़हराई में उतर कर उसे लिखने की कोशिश करते हैं । उस विषय के साथ पूरी तरह न्याय करने की कोशिश करते हैं ।
पारस जायसवाल ने बताया कि उन्होंने हर तरह के सीरियल लिखे हैं और सारे मशहूर भी रहे हैं । जिसमें काॅमेडी भी है, थ्रीलर भी है, साइन्स फिक्शन भी है, मैथोलाॅजी और हिस्टोरिकल सीरियल भी हैं । हर तरह के विषय पर उन्होंने कलम चलाई है और उस विषय के साथ न्याय किया है । पारस जायसवाल कहते हैं कि उनके लिए सबसे बड़ी खुषी की बात ये होती है कि जब वो पूरी प्रोडक्षन टीम को संतुष्ट और खुश देखते हैं । जब सेट पर उनकी लेखनी को लेकर चर्चे होते हैं , तारीफ़े की जाती हैं , तो इसे पारस अपनी खुश किस्मती और ईश्वर की बहुत बड़ी देन है, जिसका वो आभार मानते हैं कि हर तरह के विषय के साथ न्याय कर सकते हैं ।
उनके द्वारा लिखित लोकप्रिय धारावाहिक में ”मंगलसूत्र एक मर्यादा”, ”शमा”, ”मुआवजा”, ”ऐ दिल-ए-नादान”, ”नर्गिस”, ”कसक”, कश्मकश जिंदगी की”, ”कुल की ज्योती कन्या”, ”इम्तिहान”, ”एहसास-कहानी एक घर की”, ”हम तुमको ना भूल पायेंगे”, ”सपने साजन के”, ”अर्धांगिनी”,” सुराग”, ”सबूत”, ”डिटेक्टिव करन”, ”राज द थ्रीलर”, ”वो कौन”, ”मुज़रिम कौन”, ”ख़ौफ़” जैसे एक से बढ़कर एक धारावाहिक मुख्य रूप से शामिल है। लेखक पारस जायसवाल की सबसे बड़ी एक खास बात यह है वो एक अच्छे राइटर तो है ही साथ ही वो एक अच्छे, हसमुख व मिलनसार स्वभान के इंसान भी है। … हमने पारस जायसवाल से उनके आने वाले प्रोजेक्ट और भविष्य की योजनाओ के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि उनकी लिखी तीन फि़ल्में फ्लोर पर हैं ”लव की ऐसी की तैसी”, ;;इश्क़ सूफि़याना”, ”वकीलों की दुकान”।
गौरतलब है की वह इससे पहले भी ”कुछ तो गड़बड़ है” जैसी कई चर्चित हिंदी फिल्मे लिख चुके है। इसके अलावा वह कई और नए सीरियल का लेखन भी कर रहे है जो जो वक़्त के साथ आगे चलकर सामने आयेंगे। ध्यान देने वाली बात यह है की पारस जायसवाल लिम्का बुक आॅफ़ रेकाॅर्ड में अपना नाम बतौर राइटर भेजने की तैयारी में जुटे हैं तो हमने उनसे पूछा कि ”लिम्का बुक आॅफ़ रेकाॅर्ड” में जाने का आधार क्या है ? तो उन्होंने जो बताया उसके अनुसार दो बातें हैं हमारे समझ में आयी एक तो ये कि उन्होंने अब तक पांच हज़ार से ज़्यादा एपिसोड लिखे हैं और दूसरा आधार ये है कि अकेले वो आज भी जितने सीरियल और एपिसोड एक टाइम में एक साथ अकेले लिख रहे हैं उतना शायद कोई और नहीं लिख सकता । पारस जायसवाल को बतौर लेखक उनके सराहनीय कार्य के लिए कई अवार्ड भी मिल चुके है।