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रत्नाकर कुमार, निरहुआ और आम्रपाली के साथ लेकर आ रहे हैं ‘कलाकंद’, फर्स्ट लुक हुआ वायरल

जुबली स्टार सह आजमगढ़ के सांसद दिनेशलाल यादव निरहुआ और मोस्ट प्रॉमिसिंग एक्ट्रेस आम्रपाली दुबे भोजपुरी दर्शकों के बीच मिठास बांटने आ रहे हैं। इसके लिए वे जल्द ही ‘कलाकंद’ लेकर आ रहे हैं। दरअसल ‘कलाकंद’ उनकी अपकमिंग फिल्म का नाम है, जिसका फर्स्ट लुक दुर्गा पूजा के पावन अवसर पर रिलीज किया गया है। यह वायरल हो रहा है। इस फिल्म में दिनेशलाल यादव निरहुआ और आम्रपाली दुबे के साथ इंडस्ट्री में अपने अभिनय कौशल से सबों के दिलों में जगह बनाने वाली अभिनेत्री नीलम गिरी भी होंगी। फिल्म के फर्स्ट लुक में इन तीनों को प्रमुखता से दिखाया गया है।

वर्ल्ड वाइड चैनल और जितेंद्र गुलाटी प्रस्तुत फिल्म ‘कलाकंद’ के निर्माता रत्नाकर कुमार हैं, जबकि इस फिल्म के लेखक – निर्देशक संतोष मिश्रा हैं। संतोष मिश्रा इससे पहले भी निरहुआ और आम्रपाली की कई फिल्मों को निर्देशित कर चुके हैं। वे एक बार फिर से इनको लेकर भोजपुरी दर्शकों को गुदगुदाते नज़र आने वाले हैं, क्यों कि फिल्म का पोस्टर देख कर लगता है कि यह फैमली कॉमेडी ड्रामा होने वाली है। इस फिल्म का पोस्टर भी अट्रेक्टिव है और यह दर्शकों में खूब पसंद की जा रही है। फिल्म को लेकर निर्माता रत्नाकर कुमार कहते हैं कि ‘कलाकंद’ हर किसी के मनोरंजन को मिठास वाली आनंद देगी। फिल्म पूरी तरह से कमर्शियल है और यह सबों को पसंद आने वाली है। हमने फिल्म का निर्माण भव्यता के साथ किया है। फिल्म की कहानी के साथ गीत संगीत में शानदार हैं, जैसा एक कमर्शियल फिल्मों में होता है।

गौरतलब है कि फिल्म ‘कलाकंद’ के सह निर्माता कुलदीप श्रीवास्तव हैं और असिस्टेंट डायरेक्टर विवेक कुमार मणि हैं। फिल्म में दिनेश लाल यादव निरहुआ, आम्रपाली दुबे और नीलम गिरी के साथ सुशील सिंह और संजय पाण्डेय जैसे दिग्गज अभिनेता भी एक फ्रेम में नज़र आ रहे हैं, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है फिल्म कितनी बड़ी होने वाली है। फिल्म में रीना रानी, संजीव मिश्रा, रचना यादव, अखिलेश शुक्ला, सन्नी शर्मा और संतोष पासवान भी मुख्य भूमिका में हैं। म्यूजिक आर्या शर्मा ने दिया है और लिरिक्स यादव राज, लवली पुजारा, तरुण पांडेय, कन्हैया सिंह, मनीष राज का है। सिंगर विजय चौहान, शिल्पी राज, रविकांत कश्यप, शालिनी दुबे और प्रणव सिंह हैं। पीआरओ रंजन सिन्हा हैं। डीओपी माही शेरला हैं। कॉस्टयूम कविता और सुनीता का है।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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