अंतरराष्ट्रीय संस्था अंबेडकर ग्लोबल ने मनाया डॉ. अंबेडकर की जयंती, दो दिन तक होते रहे कार्यक्रम
बिहार सरकार के लुघ सिंचाई व एससी/एसटी कल्याण मंत्री संतोष कुमार सुमन ने कहा कि भारत रत्न डॉ. भीम राव अंबेडकर की शिक्षा आज भी प्रासांगिक हैं और एक शांतिपूर्ण, समावेशी व बहुआयामी विश्व व्यवस्था के निर्माण के लिए इसे हमारी संस्कृति और मूल्यों में निहित करने की जरूरत है। अंतरराष्ट्रीय संस्था अंबेडकर ग्लोबल द्वारा दुबई के शेरटन क्रीक होटल में भारत रत्न डॉ. भीम राव अंबेडकर के 130 जन्मदिन पर आयोजित दो दिवसीय महोत्सव के दौरान एक सेमिनार को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में डॉ. अंबेडकर की शिक्षा आज भी प्रासांगिक है। हर किसी के लिए समानता की जरूरत है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हम बिहार में प्रयत्नरत है। बाबा साहेब के सपनों को जमीन पर उतारने के लिए सरकार और लोगों को एक साथ मिलकर काम करना होगा।
संतोष कुमार सुमन ने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए विदेश में रह रहे बिहारियों के योगदान की भी सराहना की। पूर्व सांसद व जदयू के जनरल सेक्रेटरी के.सी. त्यागी और बीसीसीआई के वाइस प्रेसिडेंट राजीव शुक्ला भी इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थे।
इस अवसर पर जदयू के जनरल सेक्रेटरी के.सी त्यागी ने भी डॉ. अंबेडकर की शिक्षाओं का अनुसरण करने पर जोर देते हुये कहा कि हमारा देश कितना विकसित हो चुका है मायने नहीं रखता, डॉ. अंबेडकर से सीखने के लिए हमेशा बहुत कुछ रहेगा।
सेमिनार को संबोधित करते हुये राजीव शुक्ला ने कहा कि युवाओं को डॉ. अंबेडकर से सीखना चाहिए और सच्चाई के लिए बिना किसी भय के लड़ना चाहिए।
समाज के उत्थान के लिए काम कर रहे बहुत सारे भारतीय नेताओं ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया। अंबेडकर ग्लोबल एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है जिसकी स्थापना दुबई स्थित प्रसिद्ध सामुदायिक नेता रवि चांद ने की है। लॉकडाउन के समय उनके द्वारा इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन करना और चार्टेड हवाई जहाज की व्यवस्था करना निसंदेह सराहनीय है। यूएई की उनकी टीम में शिवांगी ओझा, विकास कुमार सिंह, मानस कुमार पांडे और शंकर लाल गुर्जर भी शामिल हैं।
गौरतलब है कि यूएई में लगभग 2.7 मिलियन भारतीय कार्यरत है जिनमें 2 मिलियन सिर्फ मजदूर हैं जो भारत के कमजोर तबके से आते हैं। रवि चांद ने कहा कि डॉ. अंबेडकर की विचारधारा समाज के किसी एक तबके से संबंधित नहीं है बल्कि सभी तबकों से है। वह सभी भारतीयों के लिए एक आदर्श नेता हैं। हमारा उद्देश्य पूरी दुनिया में जागृति लाना है और हमलोग दुनियाभर के विश्वविद्यालयों में डॉ. अंबेडकर के कार्यों और विचारधाराओं को पढ़ाने के लिए एक विषय सामग्री पर काम कर रहे हैं।
अंबेडरकर ग्लोबल के कार्यकर्ताओं ने 10 अप्रैल को डॉ. अंबेडकर के जन्मदिन के अवसर पर लेबर कैंप और निर्माण क्षेत्र के करीब लोगों के बीच खाने की सामग्रियों का भी वितरण किया। यह कार्यक्रम दो दिनी महोत्सव का का हिस्सा था। अधिकांश मजदूर भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के थे। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में केसी त्यागी, और बिहार के मंत्री संतोष कुमार सुमन भी मौजूद रहे।
अंबेडरकर ग्लोबल.कॉम के निदेशक रवि चांद ने कहा का रमजान के शुरुआत के पहले मजदूरों के बीच भोजन का वितरण से सुखद अहसास हुआ।
दो दिवसीय कार्यक्रम में डॉ. अबेडकर ग्लोबल अवार्ड 2020 का वितरण समारोह का भी आयोजन किया गया। सामाजिक समावेश के लिए यूएई में रहने वाले लोगों को भी इस अवार्ड से नवाजा गया। इस अवार्ड से नवाजे जाने वालों में डॉ. सीमा चौधरी, श्रीमती तरंग भार्गव, रवि कलवानी, नरसाराम परमार, गिरिश पंत, कबीर खान आदि प्रमुख हैं।
यह अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार पिछले साल महामारी के दौरान किए गये कार्यों के लिए लोगों को सम्मानित करने की प्रतिपद्धता को व्यक्त करता है। उम्मीद करते हैं कि आगे भी यह लोगों को समाज के लिए बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित करेगा।