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अंत्योदय के सपनो को साकार कर रहे है नरेंद्र मोदीजी :रेणु देवी

भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश मंत्री सजल झा के नेतृत्व में राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू के एतिहाशिक जीत पर वीरचंद पटेल पथ शिव मंदिर में दीपोत्सव एवम शिव चर्चा का आयोजन हुआ।

कार्यक्रम में बिहार सरकार की उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने दीप प्रज्वलित करने के बाद कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाज के अंतिम पायदान पर बैठे अनुसूचित जनजाति की महिला को राष्ट्र के सर्वोच्च पद पर बैठा कर दीनदयाल उपाध्याय जी के सपनो को साकार करने का काम किया है ।
बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सदैव महिलाओं के सशक्तिकरण और विशेषकर अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगो को बढ़ावा देने का काम करती रही है। हमारे कथनी और करनी में फर्क नही होता है हम समाज के सभी वर्गों को समान भाव से देखते है।
बिहार सरकार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने एतिहाशिक फैसला लेते हुए द्रौपदी मुर्मू जी को जो सम्मान दिया है हम सब गौरवान्वित है । जिस प्रकार से क्या पक्ष क्या विपक्ष सब ने अपने अंतर्मन से द्रौपदी मुर्मू जी को समर्थन देकर विशाल अंतर से जिताने का काम किया है ये प्रधानमंत्री जी के सही निर्णय को दर्शाता है।
बिहार सरकार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि आपके द्वारा अनुसूचित जनजाति की एक महिला को जो सम्मान दिया गया देश उसे सदैव याद रखेगा। नरेंद्र मोदी की सरकार गरीब गुरबों पिछड़ो वंचितों के विकाश के लिये प्रतिबद्ध है।
इस अवसर पर विधान परिषद की सदस्या निवेदिता सिंह, प्रदेश मंत्री शिला प्रजापति,प्रदेश प्रवक्ता अखिलेश सिंह,प्रेस पैनलिस्ट विनोद शर्मा,प्रदेश मीडिया प्रभारी राकेश सिंह,राजेश झा,अशोक भट्ट सत्यपाल नरोत्तम,पंकज सिंह,अमित बबलू,रीता शर्मा,श्वेता श्रीवास्तव,सोनी मिश्रा,प्रीति पाठक ,सीमा सिंह,शशि बाल्डीहार सहित सैकड़ों लोगों ने भाग लिया।

editor

सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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