यंग तेवर

अग्‍न‍िपथ योजना के खिलाफ छात्रो ने जमकर बवाल मचाया

रेलवे ट्रैक व पटना गया सड़क मार्ग को किया घंटो जाम।
अजीत कुमार,जहानाबाद केंद्र सरकार के द्वारा सेना भर्ती में अग्‍न‍िपथ योजना के खिलाफ छात्रो ने जहानाबाद स्टेशन पर ट्रेन को रोककर रेलवे ट्रैक पर केन्द्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया। वही स्टेशन एरिया के काको मोड़, अरवल मोड़ पर छात्रो ने जमकर बबाल मचाया। गया पटना रेलखंड और गया पटना राष्ट्रीय राजमार्ग पर तोड़फोड़, आगजनी और उग्र प्रदर्शन किया। वही छात्रों का माँग है कि सरकार अपना फैसला वापस ले। ट्रेन रोके जाने की सूचना के बाद मौके पर पहुंची रेल थाना एबम स्थानिए थाना की पुलिस, अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मौके पर पहुँचकर उपद्रवी छात्रों को खदेड़ा। सेना बहाली में टूर ऑफ ड्यूटी हटाने को लेकर उग्र प्रदर्शन के नाम पर जाम रहने से आम लोगों को काफी फजहित झेलनी पड़ी। उपद्रवियों के
घंटो तांडव के बाद बरिए पदाधिकारियो के द्वार अतिरिक्त पुलिस बल बुलाकार आक्रोशित छात्रों को समझा कर जाम हटाने का प्रयास किया जा रहा था। नही समझने पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर प्रदर्शन कर रहे छात्रों को रेलवे ट्रैक एबम सड़क मार्ग से खदेड़ कर भगाया गया। जिसके बाद लगभग तीन घंटे बाद यातायात व्यवस्था को चालू कराया गया। सड़क जाम कर रहे युवाओं का कहना था कि केंद्र सरकार बेरोजगार युवाओं के लिए अग्निपथ नाम से एक योजना लाई है, जो 17 से 21 वर्ष के युवाओं को महज चार वर्ष के लिए सेना में योगदान देने का अवसर देगी। जो युवाओं के साथ पूरी तरह से खिलवाड़ किया जा रहा है। उनका यह भी मानना है कि इस योजना से युवाओं को सेना में चार वर्षों के बाद बेरोजगार बना देगी। छात्रो ने सरकार से पूछते हुए बताया कि जनप्रतिनिधियों का भी कार्यकाल पॉच के बजाय एक साल का कर दी जाए तथा उनका वेतन भत्ता बंद कर दिया जाए।

editor

सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button