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अनोखी- द जर्नी ऑफ ए वूमन’ का स्पेशल शो सम्पन्न 

परम मां विंध्यवासिनी फिल्म्स के बैनर तले फिल्म निर्माता बी बी के सिन्हा द्वारा निर्मित फिल्म

‘अनोखी- द जर्नी ऑफ ए वूमन’ मुम्बई (महाराष्ट्र) और गुजरात में सफलतापूर्वक प्रदर्शित किए जाने के बाद अब बिहार और झारखंड के सिनेमाघरों में भी रिलीज हो चुकी है। 6 जनवरी को पटना स्थित सिनेपोलिस सिनेप्लेक्स में आयोजित इस फिल्म के स्पेशल शो में  बतौर मुख्य अतिथि पटना के मेयर  सीता साहू, सामाजिक कार्यकर्ता डॉ अजीत यादव, बिहार के लाल मनीष महिवाल के अलावा पटना के कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। इस अवसर पर निर्देशक संजय कुमार सिन्हा ने फिल्म की विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि नारी प्रताड़ना को लेकर बी.बी.के. सिन्हा का लेखकीय दृष्टिकोण अत्यंत सजग और प्रगतिशील है। इसी के प्रतिफल स्वरूप हिन्दी फिल्म ‘अनोखी’ सिनेदर्शकों तक पहुँच पाई है। कुल पांच कर्णप्रिय गीतों से सजी इस फिल्म के सिनेमेटोग्राफर शानू सिन्हा, पटकथा व संवाद लेखक जीतेंद्र सुमन, गीतकार नवाब आरजू, कुकू प्रभाष, फरीद साबरी, विवेक बख्शी, राजेश मिश्रा तथा संगीतकार अमन श्लोक, कोरियोग्राफर पप्पू खन्ना, एडिटर गोविंद दुबे और सह निर्मात्री रेणु सिन्हा हैं। एक सौतेली माँ के त्याग और बलिदान की दास्तान बयां करती इस फिल्म के मुख्य कलाकार राहुल राॅय (‘आशिकी’ फेम), कशिश दुग्गल, कल्पना शाह, जरीना वहाब, राजू खेर, पुष्पा वर्मा, अमायरा भारद्वाज, केशू राहुल, बृजेश कुमार, मनीष चतुर्वेदी, रूपा सिंह, ओम कपूर, पूजा वर्मा, प्रिया सिंह मास्टर अभिनव और बेबी पूजा आदि हैं।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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