अमरकथा शिल्पी फणीश्वरनाथ रेणु की आदमकद प्रतिमा का अनावरण
4 मार्च अर्थात रेणु की जयंती! राजकीय सम्मान के साथ रेणु की जयंती राजधानी पटना स्थित रेणु पार्क में मनाई गयी। इस अवसर पर सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अमरकथा शिल्पी फणीश्वरनाथ रेणु की आदमकद प्रतिमा का अनावरण भी किया। राज्य सरकार की ओर से आयोजित कार्यक्रम में फणीश्वरनाथ रेणु डॉट कॉम नामक वेबसाईट एवं रेणु के संक्षिप्त जीवन वृत का लोकार्पण मुख्यमंत्री के हाथों संपन्न हुआ।
स्वतंत्रता आन्दोलन के सिपाही, नेपाली क्रांति के क्रांतिवीर , साहित्य के गुरू और 1974 के छात्र आन्दोलन के अग्रदूत रहे रेणु की प्रतिमा लगाने की योजना लगभग 20 वर्षों से लंबित थी , जिसे आज सूबे के मुख्यमंत्री ने पूरा किया। रेणु प्रेमियों के लिये आज बड़ी ही खुशी का दिन था। रेणु परिवार एवं रेणु प्रेमियों की उपस्थिति में नीतीश कुमार ने सबसे पहले राजधानी पटना के कंकड़बाग इलाके में स्थित रेणु पार्क में स्थापित प्रतिमा का अनावरण किया और पुष्पांजली अर्पित की। इसके बाद स्वतंत्र पत्रकार सह शोधार्थी अनन्त की परिकलपना निर्मित फणीश्वरनाथ रेणु डॉट कॉम नामक वेबसाईट का भी लोकार्पण किया। बताते चले पत्रकार अनन्त लगभग 5 वर्षो से रेणु पर शोध कार्य करने में जुटे हैं। अनंत कहते हैं कि ‘‘ जब मैने रेणु पर शोध करना शुरू किया था, उस ‘‘रेणु ’ शब्द से ही मेरा परिचय था, तीन चार साल समझने में ही गुजर गये।’’ 2011 में इनकी रेणु पर केंद्रित लगभग दर्जन भर से अधिक रचनायें देश के प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित हुयी। पिछले वर्ष झारखंड सरकार ने रेणु की तीसरी पत्नी लतिका रेणु पर शोध करने के लिये झारखंड मीडिया फेलोशिप भी दिया था। इनके शोध का विषय था ‘‘ हजारीबाग में लतिका का सामाजिक संघर्ष । ’’ दरअसल स्वतंत्र पत्रकार अनन्त का रेणु पर शोध कार्य अगले कई वर्षो तक चलेगा। इनकी योजना किताब लिखने और डाक्यूमेंट्री बनाने की है। इनका मानना है कि रेणु का मूल्यांकन अभी तक नहीं हो पाया है। इनका लक्ष्य इस कार्य को पूरा करना है। वेबसाईट निर्माण के पीछे भी बड़ा उदेश्य है। वे कहते हैं ‘‘ मेरा उद्देश्य है कि एम फिल , पी0एच0डी सहित अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं के विद्यार्थियों के लिये फणीश्वरनाथ रेणु डॉट कॉम लाभप्रद होगा। इस वेबसाईट पर रेणु की रचनायें और देशभर के विद्धानों द्वारा लिखे गयी समीक्षायें , आलोचना के साथ-साथ रेणु से जुड़े साहित्यकारों की रचनाये एवं रेणु से जुड़े कई राजनीतिज्ञों की विचारधाराओं से संबंधित सामग्री भी उपलब्ध होगी।
Hindi sahitya ke purodha ki sacchi shradhanjali.