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अरुण गोविल और अनूप जलोटा ने गायक एल नितेश कुमार का अल्बम “भजन परम्परा” किया लॉन्च

अमरनाथ, मुंबई। दूरदर्शन पर प्रसारित रामानंद सागर के टीवी सीरियल रामायण में भगवान श्री राम का किरदार निभाने वाले अभिनेता अरुण गोविल और भजन सम्राट अनूप जलोटा द्वारा गायक एल नितेश कुमार का अल्बम “भजन परम्परा” लांच किया गया। यह अल्बम आज टी सीरीज से रिलीज हुआ है। भजन गायक एल नितेश कुमार द्वारा डिजाइन किया गया एक अनोखा एल्बम है। यह अल्बम भजन सम्राट पद्मश्री अनूप जलोटा के शिष्य के द्वारा उनके भजन गायन की विरासत को आगे बढाने के लिए बनाया गया है।

अरुण गोविल ने बताया कि भजन का नाम लेते ही अनूप जलोटा का नाम कौंधता है। आज जो अल्बम भजन परम्परा लॉन्च हुआ है, उसमे अनूप जलोटा और नितेश कुमार की आवाज़ें हैं और इन दोनों का संगीत भी है। मैं इन्हें शुभकामनाएं देता हूँ। अनूप जी मेरे गहरे मित्र और बड़े अच्छे इंसान हैं, अगर उनका नाम इस एल्बम से जुड़ा है तो फिर वास्तव में यह विशेष है।

अनूप जलोटा ने बताया कि नितेश कुमार भजन गायकी के प्रति बेहद समर्पित कलाकार हैं। भजन परम्परा में 9 भजन हैं। आज नितेश का हौसला बढ़ाने उड़ीसा से उनके मातापिता भी आए हैं। इनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करने के लिए अरुण गोविल जी पधारे हैं। हम सब का आशीर्वाद नितेश के साथ है और हम चाहते हैं कि यह अल्बम काफी सफल हो।

सिंगर एल नितेश कुमार ने कहा कि मुझे ऐसा लग रहा है कि आज मेरा सपना पूरा हो रहा है। भगवान राम को जीने वाले अरुण गोविल और मेरे गुरु अनूप जलोटा के हाथों मेरे अल्बम भजन परंपरा का लॉन्च होना मेरे लिए बड़ी बात है।मातापिता, गुरु और दर्शकों का आशीर्वाद है कि मेरे प्रयासों को सराहा जाता रहा है। इस एल्बम के द्वारा मैंने भारतीय संस्कृति, सभ्यता, साहित्य को एक बार फिर सामने लाने की कोशिश की है।
इस अनोखे अल्बम में भारत के महान कवियों और संतों द्वारा लिखे गए 9 अद्वितीय पारंपरिक भजन हैं। इस एल्बम में भारतीय संगीत की बारीकियों और परंपराओं को बनाए रखते हुए हमारे देश के विभिन्न दिग्गज संगीतकारों द्वारा रचित 9 भजन हैं। सभी भजन विभिन्न भारतीय रागों और ताल में रचित हैं। इस भजन एल्बम में उपयोग किए जाने वाले वाद्य यंत्र हैं, सितार, सरोद, बांसुरी, सारंगी, तबला, डफली, मैंडोलिन, पखवाज, मंजीरा, मोर्सिंग, घाटकम, मंदिर की घंटियाँ आदि, जिससे एक प्राकृतिक संगीतमय सार निकला है। इस प्रतिष्ठित भक्ति एल्बम में आप हमारे भारतीय संगीत की बारीकियों को महसूस करेंगे। इसमें रिकॉर्डिंग की नवीनतम तकनीक का भी उपयोग किया गया है।

इस भजन अल्बम में गोस्वामी तुलसीदास जी, सूरदास जी, श्री गदभर भट्ट, मीरा बाई, ब्रह्मानंद और कबीर दास द्वारा लिखित भजन हैं। इस एल्बम में अनूप जलोटा के साथ एल नितेश कुमार ने दो भजन गाए हैं जबकि तीन भजन अनूप जलोटा ने सोलो गाए हैं। तीन भजन एल नितेश कुमार के सोलो हैं। अल्बम की एक और खास बात यह है कि इसमें एल नितेश कुमार ने अपने गुरुजी अनूप जलोटा के संगीत निर्देशन में भजन गाया है तो वहीं अनूप जलोटा ने अपने शिष्य एल नितेश कुमार के म्युज़िक डायरेक्शन में गाया है।
इन 9 भजन का संगीत अनूप जलोटा, डॉ तपश पॉल, एल नितेश कुमार, चक्रधारी नायक ने दिया है। इस भजन अल्बम के निर्माता एल नितेश कुमार हैं और उन्हीं का यह कॉन्सेप्ट है।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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