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अली फज़ल और ऋचा चड्ढा ने गर्ल्स विल बी गर्ल्स की शूटिंग पूरी की, उनके प्रोडक्शन की पहली फिल्म

अमरनाथ, मुंबई।

गर्ल्स विल बी गर्ल्स की शूटिंग पूरी हुई। यह संभवतः उनके प्रोडक्शन पुशिंग बटन्स स्टूडियो, अली फज़ल और ऋचा चड्ढा के प्रोडक्शन हाउस की पहली फिल्म के लिए पहला मील का पत्थर है। 45 दिनों के शेड्यूल से गुज़री इस फिल्म की शूटिंग उत्तराखंड के सुरम्य स्थानों में की जा रही थी। यह फिल्म शुचि तलाती द्वारा निर्देशित है, और एक छोटे से हिमालयी शहर के एक संभ्रांत बोर्डिंग स्कूल में एक 16 वर्षीय लड़की के जीवन के बारे में है और कैसे बढ़ती उम्र के चरण में उसकी माँ द्वारा छीन लिया जाता है जो खुद कभी मानसिक तौर पर व्यसक नही हो सकी।

अली कहते हैं, “हमें यह घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है कि निर्माता के रूप में हमारी पहली फिल्म पूरी हो गई है। भावना घबराहट और उत्तेजना का एक दिलचस्प मिश्रण है .. केवल इसलिए उत्साहित हूं क्योंकि ऐसी स्थिति में होने में सक्षम होने के लिए जहां हम वास्तव में बहुत ही शांत और बहुत प्रतिभाशाली लोगों के समूह के साथ मिलकर कहानियां तैयार करते हैं। मुझे अपने अभिनेताओं पर बहुत गर्व है जिन्होंने अपनी क्षमता से बेहतर किया है। मैं पूरी टीम का शुक्रगुजार हूं जिसने इस विचार को फलीभूत करने के लिए अंतहीन काम किया। अब हम दूसरे चरण के लिए कमर कस रहे हैं- जो पोस्ट प्रोडक्शन है। इसे दुनिया के साथ साझा करने के लिए और इंतजार नहीं कर सकता”

ऋचा कहती हैं, “गर्ल्स विल बी गर्ल्स’ मेरी जिंदगी की एक यादगार फिल्म होने जा रही है क्योंकि इससे कई चीजें पहली बार जुड़ी हैं। यह मेरे प्रोडक्शन हाउस की पहली फिल्म है और मेरी शादी के बाद पहली फिल्म है। यह वह फिल्म है जिसने मुझे एक अभिनेता के साथ-साथ एक निर्माता के रूप में विकसित होने में मदद की। सभी कलाकार और क्रू एक साथ काम करने के इतने अभ्यस्त थे कि यह एक परिवार की तरह अधिक महसूस होता था और हमें इसकी कमी खलेगी।

फिल्म एक इंडो-फ्रेंच को-प्रोडक्शन है, जिसे पुशिंग बटन स्टूडियोज, क्रॉलिंग एंजेल फिल्म्स, डोल्से वीटा फिल्म्स और ब्लिंक डिजिटल मीडिया द्वारा संयुक्त रूप से निर्मित किया जा रहा है।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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