आम जन की भाषा में सूचना का अधिकार
लोकतांत्रिक व्यवस्था की जान कहे जाने वाले कानून सूचना का अधिकार अधिनियम 2005, पूरे देश में 12 अक्टूबर 2005 से लागू हो चुका है । इसके द्वारा किसी भी सरकारी कार्यालय या संगठन से सूचना प्राप्त करने का हक प्रत्येक भारतीय नागरिक को है, पर आज भी इसकी गतिविधियों की समझ लोगों में बहुत स्पष्ट नहीं है । सभी बस सुनी सुनायी जानकारियों से काम चलाने का प्रयास करते हैं।
कोई भी कानून तभी न्यायसंगत हो सकता है जब लोगों को उसके कार्यान्वयन की सही जानकारी हो । इस आलेख के माध्यम से सूचना का अधिकार क्या है औऱ इसे कैसे अमल में लाया जा सकता की जानकारी लोगों तक पहुचाने की कोशिश है।
सूचना के अधिकार का उपयोग कैसे करें।
कोई भी व्यक्ति किसी सरकारी कार्यालय या संगठन से सूचना प्राप्त करने के लिये लिखित रुप में ,या इलेक्ट्रॉनिक पद्वति (ई-मेल ,फैक्स आदि) के माध्यम से आवेदन दे सकता है।
आवेदन हिन्दी या अंग्रेजी किसी भी भाषा में हो सकता है।
आवेदन लोक सूचना पदाधिकारी अथवा सहायक लोक सूचना पदाधिकारी के कार्यालय में भेजना है।
आवेदन के साथ 10 रु. शुल्क जमा करना है।
बी पी एल प्रमाण धारको के लिये कोई शुल्क नहीं है।
आवेदन भेजने के 30 दिनों के अंदर संबंधित कार्यालय के लोक सूचना पदाधिकारी आवेदक को वांछित सूचना उपलब्ध करायेंगे।
यदि सूचना आवेदक के जीवन और स्वतंत्रता से जुड़ी है तो आवेदन के 48 घंटे के अंदर वांछित सूचना उपलब्ध करायी जायेगी ।
किसी भी सरकारी कार्यालय या संगठन से सूचना प्राप्त करने के लिये आवेदक को सूचना मांगे जाने का कोई कारण स्पष्ट करने की आवश्यकता नहीं है।
आवेदन में आवेदक को केवल अपना नाम ,पूरा पता तथा मांगी गयी सूचना का उल्लेख करना है।
सूचना मांगना और प्राप्त करना एक नागरिक का अधिकार है।
(बिहार सरकार सूचना का अधिकार नियमावली के तहत कोई भी व्यक्ति कॉल सेंटर के माध्यम से फोन न. 155311 से वांछित सूचनायें प्राप्त कर सकता है ।
इसके लिये प्रथम 5 मिनट के कॉल के लिये 10 रु. का चार्ज लगेगा । इससे संबधित अन्य जानकारी के लिये फोन न. 155310 पर भी संपर्क किया जा सकता है।)
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is lekh me paryapta suchana nahi hai. thanks.
very nice, it can help to the mass people…..
its a summary of Right to information Act,2005. Interesting Article.
Thanks
Gunjan
Good information about RTI. RTI can be used against private organizations also if they are governed by govt. agencies.
thank
yeah it can be useful but still it has to be simplified because we have lot of uneducated people.
RIGHT TO INFORMATION ACT 2006
RIGHT TO INFORMATION RULS 2006 both are aplicable to get information from he authries of concernig department regarding any matter which is not known to hin…
mem,
is lekh mai suchana mangne ke liye kisi karn ka batana jaruri nahi hai jo sec 6(2) ke according hai, lekin aabhi justic shah ne right to privacy ke sambhand mai nirnay apne janch report di hai, jisme unhone kaha hai ki sec 8(1) j ke tahat private vo suchan li ja sakti hai jime applicant ye saabit karde ki isme corruption hua hai ,ya yeh janhit mai hai to kya sec 6(2) ka kya importance rahi, applicant ko batana padega ki vo suchan kyu mang raha hai
Respected Mam
Thanks for providing such information on net so that the mass people can know how to use RTI. Wonderful effort……I just want to know can a army person use the RTI for getting information from his department which are unclassified. If yes what should be the process of it.
Mai yaha se kuchh copy karke kisi dusre jagah paste kr sakta hu ?