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एक्टर एडम सैनी, शेखर और अध्ययन सुमन ने किया ‘द किंग्स ऑफ़ माफ़िया – चैप्टर 1’ का पोस्टर लॉन्च

अमरनाथ, मुंबई।

डायनोस क्रिस्टियानोपाउलस द्वारा कही गई एक बेहद मशहूर उक्ति है जिसका हिंदी अनुवाद कुछ इस प्रकार से है – “उन्होंने हमें गाड़ने की कोशिश की, उन्हें नहीं पता है कि हम बीज हैं.” वैसे तो अपराध करने से हमें कुछ हासिल नहीं होता है, मगर टीवी पर क्राइम ड्रामा देखने से यकीनन हमें बहुत सीखने को मिलता है. माफ़ियाओं से संबंधित बेहद मशहूर कहानियों और क्राइम सीरीज़ की कोई कमी नहीं, जिन्हें लोग ख़ूब देखना पसंद करते हैं. साधारण किस्म की ज़िंदगी जीनेवाले लोग अक्सर ख़ुद से अलग और अपरिचित किस्म के हालात से जुड़ी कहानियों की ओर आकर्षित होते हैं. यही वजह है टीवी पर दिखाए जानेवाले माफ़ियाओं से जुड़े इस तरह के शोज़ काफ़ी लोकप्रिय हैं. माफ़ियाओं व अपराध की दुनिया और गैंगस्टरों की कहानियां उन्हें देखनेवाले साधारण लोगों को एक अलग दुनिया में ले जाते हैं और आभासी तौर पर ही सही,‌ इस तरह से ख़ुद उन्हें भी ग्लैमरस और रोमांच से भरपूर ज़िंदगी जीने का मौका मिलता है. सब जानते हैं कि उत्कृष्ट किस्म के गैंगस्टर आधारित शोज़ में विपरीत हालात में जटिल किरदारों को रखा जाता है जो नैतिकता के मापदंडों के‌ सामने चुनौती पेश करते हैं.

स्कॉटलैंड पुलिस के लिए काम कर चुके एक्टर और प्रोड्यूसर एडम सैनी अब गैंगस्टर पर आधारित इसी तरह की एक भव्य वेब सीरीज़ लेकर आ रहे हैं जिसका नाम है ‘द किंग्स ऑफ़ माफ़िया – चैप्टर 1’. ग़ौरतलब है कि एडम सैनी एक अभिनेता के तौर पर पिछली बार बॉलीवुड फ़िल्म ‘स्कॉटलैंड’ में नज़र आए थे. ‘द किंग्स ऑफ़ माफ़िया – चैप्टर 1’ में भी एक अहम रोल निभाते दिखाई‌ देंगे जिसे लेकर वे काफ़ी उत्साहित हैं.

उल्लेखनीय है कि निर्माता व अभिनेता एडम सैनी ने शेखर सुमन, अध्ययन सुमन, स्टेफ़ी पटेल, ख़ुश्बू पुरोहित और गोविंद नामदेव जैसे नामी कलकारों के साथ मिलकर रविवार को मुम्बई में ‘द किंग्स ऑफ़ माफ़िया – चैप्टर 1’ के पहले पोस्टर का विमोचन किया. उल्लेखनीय है कि इस वेब सीरीज़ का निर्माण स्टूडियोनेशनयूके लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है, इसका लेखन विनय रामकिशन शर्मा के हाथों में है तो वहीं इस सीरीज़ को दमदार तरीके से निर्देशित करने का‌ ज़िम्मा मनीष वात्सल्य के कंधों पर है. ग़ौरतलब है कि रिलीज़ से पहले ही सीरीज़ के पोस्टर को लेकर लोगों में काफ़ी उत्सुकता देखी जा रही थी. अब जब इस सीरीज़ का ट्रेलर पोस्टर किया जा चुका है, उम्मीद के मुताबिक यह पोस्टर अब ट्रेंड कर रहा है और लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है.

पोस्टर लॉन्च के मौके पर मीडिया से रूबरू हुए निर्माता और एक्टर एडम‌ सैनी ने कहा, “शेखर सुमन जी, अध्ययन सुमन और निर्देशक मनीष वात्सल्य के साथ काम करना मेरे लिए एक बेहद ख़ुशनुमां अनुभव रहा. किसी भी तरह की प्रतिभा का कोई रंग नहीं होता और इस मायने में हर कलाकार एक समान होता है. मैं फ़िल्म इंडस्ट्री को विकेंद्रित ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से जोड़ने की कोशिश कर रहा हूं जिससे मनोरंजन और कला की दुनिया को NFT में तब्दील करने में मदद मिलेगी. इससे इंडस्ट्री के तमाम लोगों को मनोरंजन की दुनिया में हितधारक बनने का अवसर मिलेगा. फिलहाल हो ये रहा है कि कुछ मुट्ठीभर लोग ही पूरी एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री चला रहे है और उसके सर्वेसर्वा बने बैठे हैं.”

उल्लेखनीय है कि हिंदी सिनेमा और वेब सीरीज़ के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब बाप-बेटे पर्दे पर विलेन और हीरो के तौर पर एक-दूसरे का सामना करते दिखाई देंगे. इस सीरीज़ के ज़रिए सीरियाई माफ़िया पर आधारित एक काल्पनिक कहानी को पेश किया जाएगा जिसमें दर्शकों को क्रूतम चीज़ें देखने को मिलेंगी. हमें इस बात का पूरा यकीन है कि यह क्राइम सीरीज़ दुनिया के टेलीविजन इतिहास में एक बेहतरीन क्राइम सीरीज़ के तौर पर पहचानी जाएगी.”

पोस्टर लॉन्च के मौके पर अपनी ख़ुशी बयां करते हुए शेखन सुमन ने कहा, “मैं सीरीज़ में काम करने का अवसर प्रदान के लिए विशेष तौर पर एडम सैनी का धन्यवाद करना चाहूंगा. जब मनीष जी ने मुझे यह कहानी सुनाई तो मैंने इसके लिए फ़ौरन हां कर दी क्योंकि यह एक बहुत ही रोचक क्राइम ड्रामा सीरीज़ है.”

100 एपिसोड वाले इस क्राइम ड्रामा को पूरी तरह से आबू-धामी, दुबई, साइप्रस, हंगरी और जॉर्जिया में शूट किया जाएगा. मनीष वात्सल्य ने कहा, “मुझ पर इस क़दर भरोसा जताने के लिए मैं एडमजी, शेखरजी और अध्ययन का शुक्रिया जताना चाहूंगा. यह सीरीज़ सीरियाई माफ़िया पर आधारित है जिसकी शूटिंग जल्द ही दुनियाभर के विभिन्न लोकेशन्स पर शुरू की जाएगी.”

इस मौके पर मेकर्स ने अपनी अगली अंग्रेजी फ़िल्म ‘स्कार’ का पोस्टर भी लॉन्च किया. इस फ़िल्म का निर्माण और निर्देशन भी क्रमश: स्टूडियोनेशयूके लिमिटेड और मनीष वात्सल्य द्वारा किया जा रहा है.

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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