कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने वाला बजट: डॉ. के सी रवि
नई दिल्ली। कृषि मामलों के विशेषज्ञ और सिंजेंटा इंडिया लिमिटेड के चीफ सस्टेनिबिलिटी अधिकारी डॉ. के सी रवि ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कोरोना महामारी की पृष्ठभूमि में आया केंद्रीय बजट 2021 कृषि संसाधनों की क्षमता में वृद्धि, पारिस्थितिकी को दुरुस्त करने और कृषि तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने की भावना से ओतप्रोत है।
उन्होंने कहा कि इस बजट में स्वास्थ्य सुविधाओं में वृद्धि, किसानों की आमदनी दोगुनी करने तथा टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण पहल की गई है, जिनमें कृषि ऋण का लक्ष्य 16.5 लाख करोड़ रुपये करने, ग्रामीण आधारभूत संरचना के विकास के लिए 40,000 करोड़ रुपये और माइक्रो सिंचाई के लिए 10,000 करोड़ रुपये देने की बात शामिल हैं। ये फैसले न सिर्फ किसानों की जरूरतों को पूरा करने की दिशा में जीनवदायिनी साबित होंगे, बल्कि इनसे कृषि क्षेत्र की कुछ गंभीर समस्याओं का समाधान भी होगा।
डॉ. रवि ने कहा कि एक अन्य महत्वपूर्ण पहल ई-एनएएम (नाम) के साथ 1000 मंडियों को जोड़ना है, क्योंकि किसानों को अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए इसकी जरूरत थी। सिंजेन्टा अपनी सीएसआर पहल “आई-क्लीन” के तहत 2014 से ही भारत के दूरदराज के इलाकों में सब्जी मंडियों के निर्माण और आधुनिकीकरण का काम कर रही है और ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी हाट को समर्थन दे रही है।
हालांकि कृषि क्षेत्र के लिए एक और पहल एग्रो कैमिकल्स पर जीएसटी की वर्तमान दर 18 प्रतिशत को न्यूनतम स्तर पर लाकर की जा सकती थी। यह खासतौर से महत्वपूर्ण है, क्योंकि एग्रो-कैमिकल सेक्टर को एक अग्रणी सेक्टर के तौर पर देखा जा रहा है और भारत को एक उत्पादक हब के तौर पर विकसित करने के प्रयास किये जा रहे हैं।
डॉ. रवि ने कहा कि कुल मिलाकर यह बजट ग्रामीण क्षेत्र की उत्पादकता पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा। कृषि क्षेत्र अब आत्मनिर्भर भारत के तीसरे स्तंभ के रूप में स्थापित हो चुका है। शोधपरक फसल समाधान, संसाधनों का कुशलतापूर्वक विकास, पारिस्थितिकी तंत्र का नवीणीकरण और ग्रामीण समुदाय का पुनर्जीवित होना टिकाऊ खेती को सुनिश्चित करेगा। बजट में स्वास्थ्य सुविधाओं पर जोर और किसानों तथा खेत मजदूरों की चिंता मायने रखती है।