जर्नलिज्म वर्ल्ड
कैसे करें एचआईवी/एड्स की खबरों की रिपोर्टिंग
क्या करें
- · मीडिया को लोगों को सूचित और शिक्षित करना चाहिये, उन्हें सर्तक या भयभीत न करें।
- · वस्तुपरक, तथ्यपरक और संवेदनशील बने।
- · तेजी से विकसित होते संक्रमण की वास्तविकता के प्रति सजग रहें
- · उचित भाषा और शब्दावली का इस्तेमाल करें, जो कलंकित करने वाला न हो।
- · सुनिश्चित करें कि शीर्षक सटीक और संतुलित हो।
- · उत्तरदायित्वपूर्ण बने, एचआईवी और एड्स (पीएलएचआईवी) से पीड़ित लोगों की आवाजों को सम्मिलित करते हुये तस्वीर के विभिन्न पहलुओं को रखें।
- · बचाव और संक्रमण के विषय में गलत धारणाओं को नकारें।
- · संक्रमण से बचाव के अवैज्ञानिक और चमत्कारिक तौर-तरीकों को नकारें।
- मामले की गंभीरता को कम किये बिना सकारात्मक कहानियों को सामने लायें।
- संक्रमित लोगों, उनके परिवार और संबंधियों की गोपनीयता को बनाये रखें।
- · सुनिश्चित करें कि तस्वीरें उनकी गोपनीयता को भंग न करें।
- · सुनिश्चत करें कि फोटो का कैप्शन सटीक हो।
- · लिंग संवेदनशीलता रिपोर्टिंग को सुनिश्चित करें और चलंत कहानियों की अनदेखी करें।
- · मानित सोर्स से ही डाटा हासिल करें क्योंकि गलत रिपोर्ट्स का मनोबल पर बुरा प्रभाव पड़ेगा और कलंक को बढ़ाएगा।
- · साक्षात्कारकर्ता को आश्वस्त करना कि उसके खुलासे और पहचान का क्या प्रभाव पड़ेगा
पत्रकार का उत्तरदायित्व है।
- · जहां कहीं भी संभव हो प्राप्त जानकारी को लिखित रूप में सुनिश्चित करें।
- · हेल्पलाइन/काउंसलिंग केंद्र को संलग्न करते हुये नकारात्मक कहानी को संतुलित करें, जैसे एचआईवी से संबंधित आत्महत्या या भेदभाव आदि।
- · अर्थ व्यवस्था, बिजनेस, राजनीति और विकासात्मक मुद्दों पर संक्रमण के प्रभाव जांचने के लिए रिपोर्ट को व्यापक बनायें।
- · संदेह होने की स्थिति में पोजेटिव लोगों के स्थानीय नेटवर्क या स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी से संपर्क करें या स्पष्टीकरण के लिए स्थापित शब्दावली दिशानिर्देशों की मदद लें।
- · सुनिश्चत करें कि प्रश्न अति व्यक्तिगत या दोषारोपण करने वाला न हो।
- · पीएलएचआईवी को पीड़ित के बजाय व्यक्ति के तौर पर चित्रित करते हुये सकारात्मक तरीके से दिखायें।
क्या न करें
- · कहानी को सनसनीखेज न बनायें।
- · मूल्य निर्णय न करें जो पीएलएचआईवी पर उंगली उठाती हो।
- · संक्रमण या एड्स फैलाने के तौर पर पीएलएचआईवी, वेश्यावृति, ड्रग्स एटिक्ट, एड्स मरीज/पीड़ित/प्रभावित का वर्णन के लिए स्कोरेज जैसे शब्द का इस्तेमाल न करें।
- · अनावश्यक रूप से कैसे एक पीएलएचआईवी संक्रमित हुया था पर केंद्रित न हो।
- · एचआईवी और एड्स से प्रभावित बच्चों का नाम या फोटो न दें, चाहे उनकी सहमति ही क्यों न मिली हो।
- · गुप्त कैमरे का इस्तेमाल न करें।
- · बीमार और मरते हुये लोगों की ऐसी तस्वीरों और रिपोर्टों की अनदेखी करें, जो दुख, असहायता और अकेलेपन को दर्शाता हो।
- · ग्राफिक्स के तौर पर खोपड़ी, क्रास हड्डी, सांप आदि का इस्तेमाल विजुअल्स के रूप में न करें।
- · जाति, लिंग और सेक्स झुकाव के संदर्भों की अनदेखी करें।
- · लेस्बियन, गे, बाईसेक्सुअल या ट्रांसजेंडर (एलजीबीटी) जैसे लोगों के विषय में चलंत कहानी पर जोर न दें।
- · पीड़ित व्यक्ति का चित्रण दोषी, मुजरिम या दया के पात्र के रूप में न करें।
- · एचआईवी, एसटीआई, चर्मरोग, तपेदिक और दूसरे संक्रमण रोगों से संबंधित दिग्भ्रमित करने वाले विज्ञापनों को तरजीह न दें।
- · स्वैच्छिक जांच कराने की इच्छा करने वाले लोगों की गुप्तता को भंग न करें।