जदयू के सक्रिय कार्यकर्ताओं को विचारों से लैस करना है : नीतीश कुमार
तेवरऑनलाईन, पटना
जदयू के महादलित, दलित एवं अल्पसंख्यक प्रकोष्ठों के भिन्न-भिन्न समय पर बैठक पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर हुई, जिसमें सम्पर्क-यात्रा के दौरान आयोजित होने वाले राजनैतिक सम्मेलन की चर्चा हुई। प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि दलितों और महादलितों के लिए डा. अम्बेडकर की जो चिन्ता थी, उसको ध्यान में रखकर नीतीश कुमार ने अपनी सरकार की कार्य योजना बनायी और लागू करके महादलितों के लिए विकास के द्वार खोले। शिक्षा का प्रचार-प्रसार महादलितों में हो सकें इसके लिए विकास मित्र, शिक्षा मित्र, टोला सेवकों की बहालियां की गयी है।
महादलित प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डा. हुलेश मांझी ने जदयू सरकार द्वारा महादलित समाज के उत्थान के लिए किये गये विकास कार्यो की जानकारी दी। बैठक को सम्बोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि सम्पर्क यात्रा के दौरान जिला राजनैतिक सम्मेलन होगा, जिसमें सिर्फ सक्रिय औेर समर्पित कार्यकर्ता शामिल होंगे। इसलिए प्रकोष्ठ अध्यक्षों और पार्टी पदाधिकारियों की जिम्मेदारी है, कि ऐसे समर्पित कार्यकर्ताओं को चिन्हित करें और सिर्फ ऐसे ही लोगों को आमंत्रित करें। जदयू सरकार ने दलित और महादलित वर्गो के विकास के लिए जो योजनाएं बनाई और मुख्यधारा से उन्हें जोड़ने का काम किया, इसकी जानकारी दें। दूसरे चरण में विधानसभा क्षेत्रवार रैली की जायेगी जिसमें, सभी समर्थकों की भागीदारी होगी। नीतीश कुमार ने कहा कि आज देश की राजनीति एक खतरनाक दौर से गुजर रही है। समाज में धृणा और उन्माद की राजनीति के द्वारा एकता और भाईचारे को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। इससे हमारा लोकतंत्र कमजोर होगा। ऐसे तत्वों को पहचान कर उनकी साजिश विफल करनी होगी। बिहार में जदयू सरकार समाज के वंचित तबकों को मुख्य धारा में लाने के लिए प्रयत्नशील है। पिछले दिनों त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में जो आरक्षण हमारी सरकार ने दिया, उसका बड़ा लाभ दलित और महादलित वर्गो को मिला है। एकल पदों पर भी आरक्षण देने से बड़ी संख्या में दलित, महादलित और अत्यंत पिछड़े वर्गो के लोग मुखिया और जिला परिषद् के अध्यक्ष बने है। हमारी सरकार ने चैकीदार की बहाली में भी ऐसी व्यवस्था की है कि स्वैच्छिक सेवानिवृति लेने पर परिवार के सदस्य के अनुकम्पा के आधार पर नौकरी मिलेगा। यदि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलता है तो रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, नौजवानों को नौकरियां मिलेगी, उद्योग-धंधे खड़े होंगे। इसलिए इस मुद्दे पर भी हमें केन्द्र से सवाल पूछना है। आज केन्द्र सरकार वादा खिलाफी कर रही है, लोकसभा चुनाव में जो वायदा किया था, उससे मुकर रही है। जिला राजनैतिक सम्मेलन में इन सारे सवालों पर विस्तृत चर्चा की जायेगी। प्रकोष्ठों की बैठकों की कड़ी में आज अंतिम बैठक अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के साथ हुई, जिसमें बड़ी संख्या में विभिन्न स्तरों के पदाधिकारी उपस्थित थे। प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों को प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह ने बताया कि जिला राजनीतिक सम्मेलन में देश की मौजुदा फिरकापरस्त राजनीति की पोल खोली जायेगी। जिन लोगों ने लोकसभा चुनाव में लम्बी-चैड़ी बातें करके मोह लिया वे अब बिहार को इसका हक देने के कतरा रहे हैं। बैठक में अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मो. सलाम ने सम्पर्क यात्रा के सिलसिले में की गई बैठकों की जानकारी दी। बैठक को सम्बोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्तमान राजनीतिक स्थिति की चर्चा की। उन्होंने कहा कि जिला में राजनैतिक सम्मेलन करने का मकसद अपने, सक्रिय कार्यकर्ताओं को विचारों के साथ लैस करना है। भाजपा भावना भड़काने वाली पार्टी है, वह नफरत का जहर फैलाती है। उसकी दवा समाजवादी विचार में ही है। राजनैतिक सम्मेलनों के द्वारा हम अपने कार्यकर्ताओं को उक्त बात बतायेंगे।