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जमालपुर में आई सक्षम ने मनाया आठवां स्थापना दिवस

लालमोहन महाराज मुंगेर
आई सक्षम स्वयं सेवी संस्था ने शुक्रवार को जमालपुर स्थित राजकमल हॉल में आठवां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया । इस कार्यक्रम में धरहरा और जमालपुर प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्र से पहुंची लड़कियाँ व महिलाओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया। मंच का संचालन साक्षी कुमारी ने की। वहीं मुख्य अतिथि जामालपुर प्रखंड जीविका की बी पी एम बबिता कुमारी ने कहा कि जिस तरह से संस्था महिलाओं को शिक्षा के माध्यम से लोगों में जीवन जीने का कौशल विकसित कर रही है, वो दिन दूर नहीं जब सामाज की हर एक नारी अपने पैरो पर खड़ा होगी ।
वहीं मोना दीदी अपने अनुभवों को साझा करते हुए काफी भावुक हो गयी ।उन्होंने कहा कि 22 वर्षों से उनकी पढाई छूट गयी थी, आई सक्षम के प्रयास से पुनः अपनी पढाई शुरू कर पायी और प्रथम श्रेणी से उतीर्ण हुई । वहीं बबिता प्रेरणा ,मनीषा के द्वारा नृत्य प्रस्तुत किया गया । इस अवसर पर समाज को जागरूक करने वाले नाटक का मंचन किया गया । कार्यक्रम के दौरान वहां मौजूद शिक्षक आई सक्षम की गतिविधियों को देखकर मंत्रमुग्ध रह गए।गौरतलब है कि आई सक्षम एक ऐसी स्वयं सेवी संस्था है जो महिलाओं तथा लड़कियों में नेतृत्व गुणों को निखारता है और उन्हे अपने भविष्य की आकांक्षा को पाने में सहयोग करता है। एडुलीडर अपने चिन्हित विद्यालय में जाकर तीन घंटे बच्चों को शिक्षा देने में सहयोग करती है। आई सक्षम बच्चों को गुणवत्तापूर्ण एवं गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के साथ- साथ युवाओं को रोजगार के प्रति सक्षम बनती है। वही सेवा संस्था से आई पूजा ने कहा कि संस्था जिस तरह से निराश हो चुकी ग्रामीण महिलाए में आशा का किरण जगा रही है और उनके अंदर विशवास जगाई है ।यही कारण है कि हर क्षेत्र में आज लड़कियाँ आगे बढ़ रही है। वही टीक लिंक प्रतियोगिता में राष्ट्रीय स्तर पर चयनित ग्रामीण बच्चों को तानिया द्वारा पुरस्कृत किया गया ।इस कार्यक्रम में उपस्थित कनक, रोजी, राजमणी, निधि ,आयुष आनंद, राहुल, इशिका , रश्मि ने बच्चों को शिक्षित किए जाने के उद्देश्य से चलाए जा रहे कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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