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जीवन को आनंदपूर्ण बनाने के लिए अनुशासन आवश्यक : डॉ. बीरबल झा

पटना.आज “सेलिब्रेशन डे ऑफ लाइफ” के अवसर पर अंग्रेजी के प्रख्यात विद्वान एवं यंगेस्ट लीविंग लेजेंड ऑफ मिथिला डॉ बीरबल झा द्वारा लिखित लब्धप्रतिष्ठित पुस्तक “सेलिब्रेट योर लाइफ” के नए परिष्कृत संस्करण का विमोचन ब्रिटिश लिंगुआ में आयोजित एक कार्यक्रम में किया गया।

इस अवसर पर अपना विचार व्यक्त करते हुए पुस्तक के लेखक डॉ बीरबल झा ने कहा कि जीवन में अनुशासन का होना ही जीवन की सफलता का सर्वप्रथम आधार होता है और सफलता को मापने का सबसे बेहतर मापदंड संतुष्टि है।

उन्होंने कहा कि जीवन की सफलता से संतुष्टि प्राप्त करने के लिए कार्य की गुणवत्ता और साधन की पवित्रता सर्वाधिक महत्वपूर्ण अवयव होते हैं। गलत रास्तों से चलकर प्राप्त की गई तथाकथित भौतिक सफलता की आयु काफी छोटी होती है और सदा ही व्यक्ति किसी अनहोनी की आशंका से ग्रस्त होता है। डॉ झा ने कहा कि आपकी सफलता आपको तभी खुशी प्रदान करेगी जब आपकी सफलता में अत्यधिक लोगों की सहभागिता होती है।

इस अवसर पर अपना विचार व्यक्त करते हुए युवा उद्यमी अभिषेक कुमार ने कहा कि गरीबी में जन्म लेना पाप नहीं है लेकिन गरीबी में मर जाना एक अपराध है। उन्होंने विमोचित पुस्तक से उद्धरण देकर कहा कि हमारा अपने काम के प्रति समर्पण और जोश ही हमें सफलता का सच्चा एहसास कराता है।

पटना उच्च न्यायालय के वरीय अधिवक्ता एवं अटल महिला सशक्तीकरण अवॉर्ड से सम्मानित डॉ मंजू झा ने कहा कि एक अच्छा और सफल करियर का निर्माण करने में सबसे बड़ा योगदान हमारी शिक्षा का होता है। युवा पीढ़ी को समय के अनुसार आवश्यक स्किल्स से अपने आपको अलंकृत करने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर उपस्थित अन्य वक्ताओं में सर्वश्री वागीश झा, एम के सिन्हा एवं बिरजू कुमार आदि के नाम उल्लेखनीय हैं।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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