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डांडिया रास 2.0 में गोविंदा संग झूमे पटनावासी, गुलशन ग्रोवर संग कई सितारों ने किया धमाल

बॉलीवुड में अपनी अदाकारी और ठुमको पर सबको नचाने वाले सुपर स्टार गोविंदा बिहार की राजधानी पटना में हंगामा मीडिया ग्रुप और बिहार ईवेंट ग्रुप द्वारा आयोजित डांडिया रास 2.0 में शामिल हुए। इस मौके पर पटना की जनता ने उनके साथ मिलकर खूब धमाल किया। इस मौके पर गोविंदा ने कहा कि बिहार के दर्शकों ने ही उन्हें बड़ा बनाया है। इसलिए बिहार आना उनका सफल रहा। गोविंदा के साथ इस कार्यक्रम में मशहूर विलेन गुलशन ग्रोवर और महिमा चौधरी भी नजर आई, जिन्होंने डांडिया नाइट को अपने परफॉर्मेंस से यादगार बना दिया।

कार्यक्रम के आयोजक निरंजान कुशवाहा और संजय भूषन पटियाला ने बताया की वहीं, डांडिया रास 2.0 में भोजपुरी की खूबसूरत अभिनेत्री पाखी हेगड़े और रानी चटर्जी ने भी खूब समा बांधा। इस दौरान एंकरिंग रवि रंजन और माही ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत रानी चटर्जी के डांस से हुई। उसके बाद खुश्बू उत्तम की सुरीली आवाज पर वहां मौजूद लोग खुद को थिरकने से नहीं रोक पाए। तो अमरीश सिंह और अलीशा अली खान ने भी अपने पावर पैक डांस से लोगों को झूमने को मजबूर कर दिया। इनके साथ के के गोस्वामी, श्यामली श्रीवास्तव और हितेश्वर ने भी खूब धमाल किया। इस कार्यक्रम में प्रोड्यूसर डायरेक्टर लाल बाबू पंडित, अशोक प्रसाद भी शामिल हुए।

वही कृति वर्मा ने अपने एंकरिंग से कार्यक्रम का शानदार संयोजन किया। जैसे जैसे शाम ढल रही थी, डांडिया रास में मनोरंजन का रंग चढ़ता ही जा रहा था। पाखी हेगड़े ने अपने और डांडिया के गाने पर खूब धमाल किया तो कृष्ण कुमार और माही का भी जवाब नहीं था। पंकज केसरी ने अपने डायलॉग से सबों का दिल जीता। फिर बारी आई गोविंदा, महिमा चौधरी और गुलशन ग्रोवर का, जिनके रंग में रंगने में पटना के लोगों को वक्त नहीं लगा। सभी इस खूबसूरत शाम को अपने फोन में कैद करते नजर आए।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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