नीतीश कुमार ने की विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग की समीक्षा बैठक
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में भवन निर्माण विभाग तथा विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षात्मक बैठक की। मुख्यमंत्री ने कल अपराह्न में अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण, लघु जल संसाधन एवं आपदा प्रबंधन विभाग की भी उच्चस्तरीय समीक्षात्मक बैठक की थी। समीक्षा बैठक में संबंधित विभाग के सभी बिन्दुओं पर विस्तृत चर्चा की गयी। समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री द्वारा संबंधित विभाग के पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।
बैठक के उपरांत मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने लघु जल संसाधन विभाग की समीक्षा के संदर्भ में बताया कि लघु जल संसाधन विभाग के अधीन क्रियाशील योग्य कुल 9192 राजकीय नलकूप हैं, जिसमें 5040 नलकूप चालू हैं। इस वितीय वर्ष में शेष नलकूपों की मरम्मति कराकर चालू कराने का लक्ष्य है। राजकीय नलकूपों को चालू कराकर उन्हें कमांड क्षेत्र के व्यक्ति/संस्था (जीविका, पैक्स आदि) वगैरह को हस्तांतरित किया जायेगा। राजकीय नलकूपों को हस्तांतरित करने के पश्चात पटवन दर निर्धारित करने का अधिकार संचालक को ही दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि विभाग के अन्तर्गत अनुदान आधारित क्रियान्वित की जा रही बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना के अन्तर्गत अब तक 10,479 निजी नलकूप लगाये जा चुके हैं।
मुख्य सचिव ने विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के समीक्षा के संदर्भ में बताया कि राज्य सरकार के सात निष्चय कार्यक्रम के अन्तर्गत भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आई0आई0आई0टी0) भागलपुर की स्थापना एवं सत्रारंभ भागलपुर कालेज आफ इंजीनियरिंग के कैम्पस में किया गया है, जिसमें 73 छात्रों का नामांकन हो चुका है। पटना में पूर्व राष्ट्रपति डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के नाम पर साईंस सिटी का निर्माण किया जायेगा। दरभंगा जिला में तारामण्डल की स्थापना हेतु संशोधित परियोजना के क्रियान्वयन की कार्रवाई शीघ्र प्रारंभ की जायेगी। उन्होंने बताया कि गया जिला में सब-रीजनल साईन्स सेंटर की स्थापना हेतु भारत सरकार के संस्थान नेषनल काउंसिल आफ साईन्स म्यूजियम (एनसीएसएम) के द्वारा निविदा इसी सप्ताह आमंत्रित की जा रही है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा विभागीय समीक्षा के दौरान सात निश्चय कार्यक्रम को गति प्रदान करने के निर्देश के अतिरिक्त नवप्रवर्तन को प्रोत्साहित करने हेतु विज्ञान एवं प्रावैधिकी अन्तर्गत बिहार काउंसिल आन साईन्स एण्ड टेक्नोलाजी को नोडल संस्थान के रूप में विकसित करने एवं नवप्रवर्तकों को व्यापक दृष्टिकोण के साथ उदारतापूर्वक प्रोत्साहित करने हेतु आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने बताया कि बिहार सुदूर संवेदन उपयोग केन्द्र द्वारा किये गये कार्यों की विस्तृत समीक्षा के उपरांत इस संस्थान को राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के अद्यतन आकड़े को हर वर्ष तैयार करके सभी संबंधित विभाग को स्वतः प्रदान करने का निर्देश दिया गया। इस हेतु सभी आवश्यक उपकरणों एवं मानव संसाधन को तत्काल उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया। बिहार सुदूर संवेदन उपयोग केन्द्र द्वारा विभिन्न विभागों से संबंधित डाटा संवर्द्धन एवं अद्यतीकरण हेतु आने वाले सभी राशि का वहन विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग द्वारा करने का निर्देश दिया गया।
मुख्य सचिव ने अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण विभाग की समीक्षा के संदर्भ में बताया कि छात्रों के लिये स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के साथ-साथ अन्य सभी छात्रवृति की योजनायें भी जारी रहेगी। प्रवेषिकोतर छात्रवृति योजना के तहत वर्ष 2015-16 के पूर्व के नामांकित अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को नामांकन के वर्ष से सक्षम प्राधिकार द्वारा नामांकन के समय निर्धारित फीस की देय छात्रवृति की राषि का भुगतान किया जायेगा। उन्होंने बताया कि एकलव्य माॅडल के तहत निर्माण कराये जा रहे आवासीय विद्यालयों को भी 720 माडल के आवासीय विद्यालय के अनुरूप भारत सरकार से प्राप्त राषि के अतिरिक्त शेष राषि का प्रावधान राज्य स्कीम से किया जायेगा।
मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा के संदर्भ में बताया कि राज्य आपातकालीन संचालन केन्द्र (एस0ई0ओ0सी0) को बेली रोड, पटना अवस्थित नवनिर्मित भवन में माह दिसम्बर 2017 तक स्थानांतरित कर दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि वज्रपात से बचाव हेतु पूर्व चेतावनी प्रणाली के विकास हेतु आंध्र प्रदेश राज्य के अनुरूप कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है। इस प्रणाली के तहत वज्रपात की घटना के आधा घंटा पूर्व जानकारी मिल सकेगी।
भागलपुर घटना के संबंध में मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि भागलपुर में सरकारी राशि के गबन का बड़ा मामला सामने आया है। मामले में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार 302 करोड़ रूपये का गबन का मामला है। ईओयू की टीम मामले में जांच कर रही है। उन्होंने बताया कि मामले में सरकार के खाता से पैसे को ट्रांसफर किया गया था। इस पूरी प्रक्रिया में सृजन संस्थान एवं बैंकों की मिलीभगत है। जिलाधिकारी के गलत हस्ताक्षर करके पैसे निकाले गये। मामले में अब तक तीन एफआईआर दर्ज किये जा चुके हैं। सृजन महिला संस्थान, बैंक के पदाधिकारी, सरकारी कर्मी जो खाते एवं उसके दस्तावेज की देख-रेख करता था, पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है।