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पटना एम्स में सुरक्षित मातृत्व दिवस पर प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग ने किया सीएमई का आयोजन

पटना। पटना एम्स में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग ने सुरक्षित मातृत्व दिवस के उपलक्ष्य में एक सीएमई का आयोजन किया। सीएमई का विषय था: एक स्थायी भविष्य के लिए मातृ स्वास्थ्य में आज निवेश करना।

इस अवसर पर डॉ. रुचि सिन्हा, डीन अकादमिक; डॉ. पूनम भदानी, डीन छात्र मामले; डॉ. संजय पांडे, डीन शोध और डॉ. अनूप कुमार, एमएस उपस्थित थे। प्रोफेसर (डॉ.) सौरभ वार्ष्णेय ने इस अवसर पर विभाग को अपनी शुभकामनाएं दी हैं।

आज के कार्यक्रम की आयोजन अध्यक्ष डॉ. मुक्ता अग्रवाल ने गर्भावस्था के दौरान एनीमिया की जांच और रोकथाम पर चर्चा की। डॉ. मोनिका अनंत ने पौष्टिक आहार की आवश्यकता और गर्भावस्था के परिणामों पर इसके प्रभाव पर प्रकाश डाला। सीएमई के आयोजन सचिव डॉ. संगम झा ने जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाली प्रसूति आपातकालीन प्लेसेंटा एक्रेटा स्पेक्ट्रम पर चर्चा की और इससे जुड़ी रुग्णता को कम करने की रणनीतियों पर प्रकाश डाला।

इस कार्यक्रम को अच्छी प्रतिक्रिया मिली, जिसमें 150 से अधिक डॉक्टरों ने भाग लिया, जिन्होंने सुरक्षित मातृत्व और बेहतर मातृ स्वास्थ्य परिणामों को सुनिश्चित करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

editor

सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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