पहला पन्ना

पटना में नि: शुल्क कैंसर अवेयरनेस कैंप सफलतापूर्व संपन्न

पटना। सार्इं फिजीयोथेरेपी और अपोलो अस्पवताल चेन्नोई के संयुक्ता तत्वाचवधान में रविवार को आयोजित निरूशुल्कथ कैंसर अवेयरनेस कैंप आज पटना में संपन्ने हो गया। इस दौरान 50 से ज्यांदा कैंसर पीडि़त मरीजों को देश के जाने.माने त्ंकपंजपवद व्दबवसवहपेज डॉ पोथाराजू महादेव  फिजीयोथेरेपी दी गई। साथ ही कैंसर से बचाव और उसके होने के बाद इलाज के लिए उचित परामर्श भी दिया गया। इस दौरान डॉ राजीव कुमार सिंह‍ और शांतनु चटर्जी भी मौजूद रहे। उन्हों़ने ने भी कैंसर पेसेंट का हौसला अफजाई करते हुए कई अहम जानकारियां दी।

निरूशुल्कह कैंसर अवेयरनेस कैंप डॉ पोथाराजू महादेव ने कहा कि आज मेडिकल साइंस की दुनिया इतनी विस्तृेत हो गई है कि नई तकनीक से अब कैंसर का इलाज आसान हो गया है। अभी हाल ही में बेहद नई तकनीक  ष्प्रोटॉन बीम थेरेपीष् आई हैए जिससे कैंसर का इलाज और आसान हो गया है।  यह थेरेपी एक नवीनतम और कारगर तरीका है।  एक प्रोटॉन एक सकारात्मक चार्ज कण है। उच्च ऊर्जा परए प्रोटॉन कैंसर कोशिकाओं को नष्ट कर सकता है। यह कैंसर के उपचार में परिवर्तक होने जा रहा है। जिस तरह से रेडियोथेरेपी का अभ्यास किया जाता हैए उसके लिए क्रांतिकारी बदलाव की संभावना है।

उन्होंाने लोगों से कैंसर स बचाव और क्योलर के बारे में विस्ताअर से बातचीत की और कैंप में आये लोगों के सवालों का सरलता से जवाब भी दिया। उन्हों ने कहा कि भारत में हर साल करीब छह लाख लोगों की मौत कैंसर से होती है। उनमें आधे से ज्याहदा 30 से 70 वर्ष के बीच के उम्र के होते हैं। इस वक्ते भारत में 14 लाख लोग कैंसर से पीडि़त हैं। वहींए साल 2014 में प्रति एक लाख की जनसंख्याभ पर 97:  कैंसर के केस बिहार में दर्ज हुए हैए जो काफी चिंता जनक है। पुरूषों के फेफड़ेए कोलोरक्ट1लए उदरए पेट और सर ये  पांच मुख्या जगह हैंए जहां कैंसर फैलता हैए तो महिलाओं के बीच ब्रेस्ट ए ओवरीए होंठए फेंफड़ा और गर्भाशय ग्रीवा में कैंसर तेजी से फैलती है। नेशनल कैंसर रजिस्ट्री  के मुताबिकए भारतीय महिलाओं में ब्रेस्टक कैंसर और सर्वाइकल ;ग्रीवाद्ध कैंसर ज्यांदा होते हैं। इसलिए अगर कैंसर के कोई भी लक्षण दिखेए तो लोगों को बिना इग्नो र कियाए डॉक्टार से उचित सलाह लेनी चाहिए और उनके  उनके परामर्श को सावधानी पूर्वक फॉलो करना चाहिए।

editor

सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button