लिटरेचर लव
पहचान (कविता)
जरूरी है अपनी पहचान
अपनों की
तलाश के लिए,
उस जिन्दगी में
जहाँ सब कुछ छूट जाता है
पहिये सा घूमता समय
निकलता है बिना रुके
लेकर सब कुछ।
जो जीता है
चंद पैसों के लिए,
स्वार्थ के लिए
रह जाता है अकेला
इसी घूमते पहिये में फँसकर
दूर कही अपनों से।
मगर होता है जहाँ प्यार
निस्वार्थ भाव से
बनी रहती है पहचान
अपनों में
अपनी ही तलाश के लिए।