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फिर दिखा खेसारीलाल और अक्षरा का जलवा, फिल्‍म ‘दिलवाला’ सुपर हिट

भाजपुरी सिनेमा के सुपर स्‍टार खेसारीलाल यादव और सिजलिंग अदाकारा अक्षरा सिंह की जोड़ी का जलवा एक बार फिर से देखने को मिल रहा है। इनकी बहुप्रतीक्षित फिल्‍म ‘दिलवाला’ 21 जुलाई को रिलीज हुई और पहले ही वीकेंड में सुपर हिट हो गई। सतीश जैन निर्देशित ‘दिलवाला’  यह फिल्‍म अब भोजपुरिया सिनेमा में रिकॉर्ड कायम करने की ओर अगसर हैं।

गौरतलब है कि खेसारीलाल यादव और अक्षरा सिंह की जोड़ी भोजपुरी सिनेमा में कामयाब जोड़ी के रूप में देखी जाती है। इनकी ऑन स्‍क्रीन कमेस्‍ट्री को लोगों ने बहुत पसंद किया है, जिस वजह से फिल्‍म निर्माताओं ने दोनों को लेकर कई फिल्‍म बनाई हैं। मगर फिल्‍म‘दिलवाला’ कई मायनों में खास है, क्‍योंकि इस फिल्‍म के रिलीज पर विवादों का ग्रहण लग चुका था। इस दौरान अभिनेत्री अक्षरा सिंह को लेकर पिछले दिनों सोशल मीडिया में फिल्‍म के अभिनेता खेसारीलाल यादव और पवन सिंह की बीच खटपट सुर्खियों में रही।

बावजूद इसके खेसारीलाल और अक्षरा की केमेस्‍ट्री को पसंद करने वाले दर्शकों ने एक लंबे इंतजार के बाद फिल्‍म ‘दिलवाला’ देखने को मिल रही है, तो हिट होना ही था। एक खेसारीलाल और अक्षरा की स्‍थापित जोड़ी, फिर विवादों का साया और फिल्‍म की मजबूत पटकथा ने ‘दिलवाला’ को हिट बना दिया। ऐसा मानना है भोजपुरी फिल्‍मों के जानकारों का। इसका फायदा ये हुआ है  इस फिल्‍म रिलीज के बाद दर्शकों ने न सिर्फ फिल्‍म को सराहा, बल्कि खेसारी और अक्षरा के रोमांस को भी लोगों ने पसंद किया।

इससे पहले फिल्‍म का ट्रेलर को यू-टयूब पर लोगों ने खूब पसंद भी किया। वहीं, इस फिल्‍म के गानों भी लोकप्रिय हो चुके हैं। फिल्म में खेसारीलाल यादव  के साथ अक्षरा सिंह, किरण यादव, शिखा चितांबरे, प्रिया सिंह, संजय पाण्डेय की प्रमुख भूमिका है। फिल्म के गीत लिखें हैं प्यारेलाल यादव, श्याम देहाती व आजाद सिंह ने वही मधुर संगीत हैं धुंघरू का। फिल्‍म के पीआरओ हैं रंजन सिन्‍हा।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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