बचपन से ही बाबा का भक्त रहा हूँ इसी लिए शायद साई के रोल के लिए मेरा चुनाव ख़ुद साईबाबा ने किया है – सार्थक कपूर
(राजू बोहरा नई दिल्ली) हर इंसान अपनी डेस्टिनी लिखवा कर ही आता है। अंजाने में हम अपनी नियति (डेस्टिनी) को ठुकराने-बदलने की बहुत सारी चेष्टा करते हैं पर होता वही है, जो विधाता लिख देता है। यह कहना है उभरते हुए अभिनेता और ‘डीडी किसान चैनल’ पर प्रसारित हो रहे धारावाहिक `अनंतकोटि ब्रह्मांड नायक साईबाबा’ शो में साईबाबा की सशक्त भूमिका निभाने वाले सार्थक कपूर का, जिनके अभिनय की आज हर ओर प्रशांसा हो रही है। सार्थक का कहना है कि मार्च 2019 में लॉक डॉऊन से पहले मैं अपनी पहली फिल्म `चल जीत लें ये जहाँ’ कि शूटिंग में व्यस्त था पर अचानक पैंडमिक के कारण सब कुछ थम गया। मैं मुंबई वापस आकर, अपनी एक्टिंग स्किल्स और फिज़िक पर काम कर रहा था। उन दिनों मेरे पापा अपने नए शो `अनंतकोटि ब्रह्मांड नायक साईबाबा’ की कास्टिंग में व्यस्त थे। उन्होंने साईबाबा के रोल के लिए बहुत सारे कलाकारों के ऑडिशन किए पर जैसा कलाकार उन्हें चाहिए था, वैसा उन्हें मिल नहीं रहा था। मैं टी वी करना नहीं चाहता था। सितंबर 2020 की बात है, एक दिन मैं पापा के ऑफिस में एक कलाकार का साईबाबा के रोल के लिए ऑडिशन ले रहा था, पापा उस समय पूजा कर रहे थे और पूजा के बाद उन्होंने मुझसे ऑडिशन देने को कहा, एक पल के लिए मैं झिझका, फिर मैंने ऑडिशन दे दिया। पापा और टीम ने जब मेरा ऑडिशन देखा तो सभी मुझसे साईबाबा का रोल करने को कहने लगे। मैं साईबाबा का पक्का भक्त हूँ पर साई का रोल करने के लिए मैं ख़ुद को तैयार नहीं कर पा रहा था, उस रात मुझे ऐसा आभास हुआ कि साईबाबा ही मुझे अपना रोल करने की आज्ञा दे रहे हैं। सुबह मैंने पापा से साईबाबा का रोल करने की हामी भर दी और अब हम सबकी मेहनत आपके सामने है।
आज जब हर ओर आपके सशक्त अभिनय की प्रशांसा हो रही है, तो आपको कैसा लग रहा है ?
प्रशांसा मेरी नहीं साईबाबा की होनी चाहिए, जिन्होंने न केवल मुझे बल्कि मुझसे पहले पूजा के समय पापा को प्रेरणा दी, सब-कुछ उनकी इच्छा से ही होता है, साईबाबा का रोल मेरी डेस्टिनी में था, मना करने के बाद भी मैंने किया, यह साईबाबा की कृपा का चमत्कार नहीं तो और क्या हैॽ
आपकी फिल्म `चल जीत लें ये जहाँ‘ की बाक़ी शूटिंग कब होगी ?
अगर सब-कुछ ठीक रहा तो अप्रैल के अंत में शूटिंग का तीसरा शेडयूल शुरु होगा और मई के अंत तक फिल्म पूरी हो जायेगी, फिर नवंवर, 2021 में उसे रिलीज़ करने की योजना बन रही है।
सुना है आपकी पहली फिल्म ‘चल जीत लें ये जहाँ‘ का सब्जेक्ट काफी दिलचस्प है उसके बारे में कुछ बताएं ?
भारत की दिव्यांग क्रिकेट टीम ने 2019 में इंग्लैंड जाकर वर्ड कप जीता था। यह फिल्म उन्हीं खिलाडियों के संघर्ष और सफलता की दास्तान है। इस फिल्म में हमारे साथ कई दिव्यांग प्लेयर भी काम कर रहे हैं, जिनके साथ स्क्रीन शेयर करना सचमुच मुझे रोमांचित करता है।
क्या आप आगे भी टी वी पर काम करते रहेंगे ?
अब उस सोच से मैं ऊपर उठ चुका हूँ, अगर कोई दमदार रोल होगा तो ज़रुर करुँगा।
साईबाबा का रोल करके आपको टाईप्ड हो जाने का डर नहीं लगता ?
साईबाबा का भक्त होने के कारण मुझे किसी से भी डर नहीं लगता, जो मेरी डेस्टिनी में होगा, वह मुझे करना ही होगा, जहाँ तक टाईप्ड की बात है तो मैं किसी एक इमेज में बंधना नहीं चाहता, फिल्म में मेरी भूमिका आज-कल के एक आधुनिक पर बेहद ग़रीब लड़के की है, जो एक एनजीओ में काम करते-करते दिव्यांग क्रिकेट टीम बनाने में लग जाता है और उन्हें वर्ड कप तक भेजने के लिए अथक संघर्ष करता है।
अपने बॉलीवुड कैरियर को लेकर आप कितने गंभीर है ?
अपने बहुत सही सवाल पूछा है मैं अपने कैरियर को लेकर बहुत गंभीर है और उसके लिए में मेहनत भी कर रहा है। पर मेरा मानना है की कंपीटिशन के इस दौर में सफलता हर किसी को इतनी आसानी से नहीं मिलती बल्कि उसके लिए इन्सान को सच्ची लगन के साथ कड़ी मेहमत भी करनी जरुरी है। और साथ ही चाहिए कुछ कर दिखने की इच्छा शक्ति और जज्बा तभी हम लोग अपने अपने क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते है, अपनी मंजिल को पा सकते है।
आपके पसंदीदा बॉलीवुड कलाकार कौन कौन से है ?
मेरे पसंदीदा बॉलीवुड कलाकारों में अमिताभ बच्चन, शाहरुख़ खान, ऋतिक रोशन और रणबीर कपूर मुख्यरूप से शामिल है।