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बाबरी विध्वंस प्रकरण में आरोपियों को न्याय मिल गया : रमेश शिंदे

बाबरी मस्जिद विध्वंस अभियोग के सभी आरोपियों को दोष मुक्त करने का निर्णय केंद्रीय अपराध अन्वेषण विभाग के विशेष न्यायालय ने दिया है। उसका हम स्वागत करते हैं। इस निर्णय के कारण ‘सत्यमेव जयते’ पुनः एक बार सिद्ध हो गया है। गत वर्ष सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि होने तथा श्रीराम मंदिर के निर्माण का आदेश दिया था। उस समय यह सिद्ध हो गया था कि बाबरी मस्जिद का निर्माण कार्य अवैध है, ऐसा हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे ने कहा है।

शिंदे आगे बोले कि, रामजन्मभूमि के संदर्भ में सरकार द्वारा विलंब होनेवाले निर्णय के कारण जनमानस के धैर्य का बांध टूट गया था। इससे आगे जाकर हमारा कहना है कि, इस बाबरी के ध्वस्त होने के उपरांत संपूर्ण देश में दंगे किए गए तथा हिन्दू समाज और मंदिरों को लक्ष्य किया गया। उनमें लिप्त एक प्रमुख आरोपी दाउद इब्राहिम अभी तक नहीं पकड़ा गया है। पाकिस्तान और बांग्लादेश में सैकडों मंदिर ध्वस्त किए गए। वर्ष 1990 में कश्मीर से लाखों हिन्दुओं को विस्थापित करने के पश्‍चात वहां के अनेक मंदिर ध्वस्त किए गए। क्या उन्हें न्याय मिला है ? आंध्र प्रदेश में भी वर्तमान में हिन्दू मंदिरों की मूर्तियां तोड़ने का सत्र चल ही रहा है। इस संबंध में कोई क्यों नहीं बोलता ? इस निर्णय के साथ हमारा कहना है कि हिन्दूओं की जनभावनाओं का आदर किया जाना चाहिए । हिन्दुओं के जो मंदिर ध्वस्त किए गए हैं, उनका पुनर्निर्माण किया जाना चाहिए।

 

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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