बामुलाहिजा होशियार, बिहार में सुशासन जारी है
बामुलाहिजा होशियार, बिहार में सुशासन जारी है। सुशासन बाबू की सरकार सूबे के चौतरफा विकास में लगी हुई है। विकास की लगाम सुशासन बाबू के चहते मंत्रियों और अधिकारियों ने पूरी तरह से संभाल लिया है। बिहार मे उद्योग धंधे को लेकर सुशासन बाबू सहित उनकी पूरी टीम चिंतित है। यही वजह है कि मंत्रियों और अधिकारियों ने राजनीति के साथ-साथ उद्योग को भी एक नई दिशा देने के लिए अपने बेटे-बेटियों को बिहार इंडस्ट्रियल एरिया डिवेलपमेंट अथॉरिटी (बीआईएडीए) द्वारा मनमाने तरीके से सूबे के विभिन्न हिस्सों में जमीन का आवंटन कराया है। अब बिहार के विकास के कोई रोक नहीं सकता, और जो कोई भी इसका विरोध करेगा उसे विकास विरोधी करार दिया जाएगा। चाहे कुछ भी हो लेकिन बिहार में विकास के साथ समझौता नहीं किया जा सकता है।
राज्य के मानव संसाधन विकास मंत्री पीके शाही के कंधे पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। लालू के शासनकाल मे बिहार से बहुत बड़ी संख्या में बिहारी मजदूरों का पलायन शुरु हुया था। सुशासन बाबू के शासनकाल में यह पलायन न सिर्फ रुका है बल्कि बहुत बड़ी संख्या में बिहारी मजदूर एक फिर अपने घरों की ओर लौट रहे हैं। बिहार में उद्योग को एक नई गति देने और यहां के लोगों को रोजगार देने के लिए पीके शाही की बेटी उर्वशी शाही को उद्योग लगाने के लिए 87,120 वर्ग फुट जमीन आवंटित की गई है। नहीं, नहीं इसमें मंत्री जी के रसूख का कोई योगदान नहीं है। उर्वशी उन करोड़ों बिहारी युवक युवतियों की तरह होनहार हैं, जिनके अंदर बिहार को एक नई दिशा देने की क्षमता है। उर्वशी दिलोजान से बिहार के विकास पर न्योछावर हैं। उन पर यकीन करने की जरूरत है, विकसित बिहार का सपना को मूर्तरूप देने में वह अपनी पूरी उर्जा लगा देंगी। उनके दिमाग में विकास से संबंधित एक से बढ़ कर एक आयातित प्लान हैं। बस सुशासन पर यकीन करने की जरूरत है।
जेडीयू के दबंग नेता जगदीश शर्मा के बेटे राहुल को भी हाजीपुर के पास 15,500 वर्ग फुट जमीन उद्योग लगाने के लिए मुहैया कराई गई है। राहुल भी बिहार के होनहार युवा राजनीतिज्ञ हैं। सुशासन बाबू नीतीश कुमार की तरह जगदीश शर्मा ने भी जेपी आंदोलन की नुमाइंदगदी में अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया था। चाहे लालू की सरकार हो या फिर नीतीश कुमार की बिहार की राजनीति में ये हमेशा प्रासांगिक बने रहे। जनता का विश्वास इन्हें पूरी तरह से हासिल हैं। अपने पिता के पद चिन्हों पर चलते हुये राहुल शर्मा ने भी जनता का विश्वास हासिल कर लिया हे। अब हाजीपुर में उद्योग लगाकर यह बिहार की तस्वीर बदलने वाले हैं। जेपी के संपूर्ण क्रांति का नारा अब सही मायने में राहुल शर्मा के माध्यम से पूरा होने जा रहा है। सुशासन अपने चरोत्कर्ष पर पहुंचने की तैयारी में है, जरूत है इसका जोरदार तरीके से इस्तकबाल करने की।
राज्य के समाज कल्याण मंत्री परवीन अमानुल्लाह और वरिष्ठ अधिकारी अफजल अमानुल्लाह की रहमत फातिमा को भी 87,120 वर्ग फुट जमीन दी गई। लालू ने लंबे समय तक माई समीकरण के सहारे बिहार पर राज्य किया था। सुशासन बाबू ने इस समीकरण को पुर तरह से ध्वस्त कर दिया है। लालू के शासन में जहां मुस्लिम पिछले पायदान पर खड़े थे वहीं सुशासन बाबू ने अल्पसंख्यकों को अगले कतार में खड़ा दिया है। बिहार औद्योगिक विकास का नेतृत्व अब अब रहमत फातिमा कर रही हैं। सूबे में खुशहाली लाने के लिए इनका इरादा भी बिहार में उद्योग लगाने का है। सुशासन का रथ निकल पड़ा है, अब इसे रोकना नामुमकिन है।
मिलीजुली सरकार में सुशासन लाने और कायम रखने की जिम्मेदारी सत्ता में शामिल हर घटक पर है। यही वजह है कि भाजपा के पूर्व विधायक अवधेश नारायण सिंह के बेटे महेश कुमार को 2,17,800 वर्ग फुट जमीन दी गई है। सुशासन का भार ढोने के लिए महेश कुमार भी आगे आये हैं। इसी तरह सहयोगी घटक के एमएलसी अशोक चौधरी के बेटे सौरभ चौधरी को भी फॉरबिसगंज में जमीन मिल गई है। कुछ समय पहले इसी जमीन के पास सड़क को लेकर बिहार के कुछ शरारती तत्व भड़क उठे थे, हालाकि पुलिस ने उनके होश ठिकाने लगा दिये थे। दौड़ा-दौड़कर मारा था उन्हें। और मारते भी क्यों नहीं, सूबे में सुशासन को चुनौती देने का अधिकार किसी को नहीं है। बहरहाल सौरभ चौधरी भी अब बिहार के विकास को एक नई दिशा देंगे।
बिहार में नियमों की बात करने वालों को लिए कोई जगह नहीं है, उन्हें पूरी तरह से बिहार विरोधी माना जाएगा। अब सुशासन सरकार जिसे चाहे उसे जमीन दे, किसी को पूछने का हक नहीं है। इस संबंध में कुछ भी पूछने से विकास बाधित होगी। देशभर में राज्य की गलत छवि बनेगी।
शानदार खबर ले आए हैं आज! हम भी विकास विरोधी हैं और बिहार की प्रगति में बाधक हैं। जबान पर अपशब्द आ रहे हैं इन कमीनों के लिए लेकिन मैं गाली नहीं देता। इसलिए छोड़ देता हूँ। खबर लाए लेकिन अच्छी। आप विकास के साथ रहिए वरना आप पर राजद्रोह का मुकदमा चलेगा, समझे बिहार विरोधी, विकास विरोधी और प्रगति विरोधी भाई लोग!
visphotak khabar hi, bahut achha.