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बिहार विधानसभा चुनाव में युवाओं की भूमिका अहम होगी : मुकेश सहनी

पटना। विकासशील इंसान पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष मुकेश सहनी ने कंकड़बाग में पार्टी द्वारा आयोजित विधानसभावार कार्यकर्ता सम्‍मेलन में कहा कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में युवाओं की भूमिका अहम होने वाली है, क्‍योंकि बिहार की राजनीति में युवाओं का प्रभाव सभी दलों में बढ़ा है। मुकेश सहनी ने कहा कि युवा होने के नाते हम युवाओं की भावनाओं को समझते हैं। हम युवा संघर्षशील होते हैं। हमने भी संघर्ष की राह पर चलकर वीआईपी पार्टी का गठन किया, जो आज राष्‍ट्रीय राजनीति से लेकर बिहार की राजनीति में खासा महत्‍व रखता है।विकासशील छात्र संघ नेता विकास बॉक्‍सर की अध्‍यक्षता में आयोजित इस सम्‍मेलन में मुकेश सहनी ने कहा कि हमारे महागठबंधन में युवा नेताओं की भूमिका अहम है। इसलिए आने वाला बिहार युवाओं का होगा। ऐसे में हम आगामी 5 जुलाई को फेसबुक लाइव के माध्‍यम से सुबह 11 डिजिटल रैली कर रहे हैं, जिसके लिए हम कुम्‍हरार विस की जनता को आमंत्रित करते हैं और अपने तमाम कार्यकर्ताओं से इस रैली को सफल बनाने की अपील करते हैं। इसके जरिये हम अपनी और अपनी पार्टी का वीजन, बिहार को लेकर अपनी सोच और मिशन को आप तक पहुंचाने का काम करेंगे।

वहीं, विकास बॉक्‍सर ने कहा कि मुकेश सहनी बिहार की राजनीति में युवाओं के लिए प्रेरणा हैं। एक छोटे से गांव से निकल कर आज बिहार की राजनीति में जो प्रभाव इनका है, उससे आज के युवाओं को सीखना होगा। इनका संघर्ष हमें बताता है कि अगर हम अपने जोश और वीजन के साथ संघर्ष करें, तो मंजिल जरुर मिलेगी और बदलाव के सच्‍चे वाहक बन सकेंगे। उन्‍होंने राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष से डिजिटल रैली को सफल बनाने के लिए अपनी ओर से पूरी तकात लगाने का भरोसा दिलाया। सम्‍मेलन में संतोष कुशवाहाए आनंद मधुकर यादवए अर्जुन सहनी आदि लोग मौजूद रहे।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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