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भारी पड़ा मनोज तिवारी का टॉस जीतने के बाद बल्लेबाजी करना, भोजपुरी दबंग को तेलुगु वॉरियर्स ने रौंद डाला

मुंबई। भोजपुरी दबंग और तेलुगु वारियर्स के बीच बीती रात विशाखापत्तनम में सेलिब्रिटी क्रिकेट लीग का फाइनल मुक़ाबला खेला गया । इस फाइनल मुकाबले में भोजपुरी दबंग के कप्तान मनोज तिवारी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। यहां इनका निर्णय गलत साबित हुआ और पूरी टीम पहली पारी में 10 ओवर में सिर्फ 72 रन ही बना सकी । जवाब में अखिल अकिनेनी की कप्तानी में उतरी तेलुगु वारियर्स ने जबरदस्त शुरुआत करते हुए कप्तान अखिल अकिनेनी के तूफानी बल्लेबाजी के दम पर पहली पारी में 10 ओवर में ही 104 रन का पहाड़ खड़ा कर दिया । इस तरह से तेलुगु वॉरियर्स को भोजपुरी दबंग पर 32 रन की महत्वपूर्ण लीड मिल गई ।

फिर भोजपुरी दबंग को जरूरत थी कि दूसरी पारी में जबरदस्त बल्लेबाज़ी की लेकिन कोई भी बल्लेबाज टिक कर नहीं खेल पाया और फाइनल मैच का दबाव साफ साफ इनकी बल्लेबाजी पर दिखा। पहली पारी के 32 रन के दबाव में भोजपुरी टीम बिखरती चली गई और सिर्फ आदित्य ओझा 13 गेंद पर 31 रन व उदय तिवारी ने ही 18 गेंद पर 34 रन बनाकर कुछ सङ्घर्ष किया लेकिन वो पर्याप्त साबित नहीं हुआ और भोजपुरी दबंग ने अपनी दूसरी पारी में सिर्फ 89 रन बना सकी । इस तरह से तेलुगु वॉरियर्स को आखिरी पारी में इस सेलिब्रिटी क्रिकेट लीग के टाइटल को जीतने के लिए सिर्फ 58 रन का टारगेट मिला । जिसे की तेलुगु वॉरियर्स ने आसानी से फतह कर लिया ।
T20 फॉर्मेट में खेला गया सेलिब्रिटी क्रिकेट लीग इस बार नए पैटर्न के तहत 10-10 ओवर की दो दो पारियों में खेला गया । ऐसा प्रयोग इसबार नया था और इसने इस टूर्नामेंट को जबरदस्त सफलता दिलाई । हर मैच में स्टेडियम में दर्शक जमकर मैच देखने पहुँचे और जमकर अपने अपने दितारों को प्रोत्साहित करने का काम किया । इसबार का सेलिब्रिटी क्रिकेट लीग बेहद सफल रहा ।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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