लिटरेचर लव

माँ तूं महान है

Rajinder Sharma” Raina”

माँ तूं महान है,
तुझ से रोशन जहान है.
तेरे चरणों में जन्नत,
खुदा तू ही भगवान है.
माँ तू महान है.
तू अंधकार मिटती है,
रोशन जहान दिखाती है,
फिर अपना दूध पिलाती है,
ममता की गंगा बहती है,
कभी मानती न एहसान है.
माँ तू महान है.
लाखों दुःख जरती है,
कभी उफ़ न करती है,
बच्चे के लिए जीवन तेरा,
बच्चे के लिए मरती है,
बच्चे की ख़ुशी तेरी शान है.
माँ तू महान है.
बच्चों में बांटे सुख है,
मगर तेरे हिस्से दुःख है,
फिर भी बदले न रुख है,
चाहे बच्चा देता दुःख है,
विचलित न होता ध्यान है.
माँ तू महान है. “रैना”

editor

सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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