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माता-पिता व सिर्फ गुरु ही चाहते हैं कि उनका बच्चा उनसे भी आगे सफलता की ऊंचाइयों को छुए: राज्यपाल

हम बिहारवासी अपने आप को बांट कर हम अपनी शक्ति क्षीण कर रहे हैं

लालमोहन महाराज ,मुंगेर

बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति आरिफ मोहम्मद खान मुंगेर में मुंगेर विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित द्वितीय दीक्षांत समारोह में भाग लेने पहुंचे। वे पटना से हवाई मार्ग द्वारा मुंगेर पहुंचे, जहां पुलिसकर्मियों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इस अवसर पर मुंगेर डीएम अवनीश कुमार सिंह ,एसपी सैयद इमरान मसूद, एसडीम शैलेंद्र कुमार सिंह, यातायात पुलिस उपाधीक्षक प्रभात रंजन सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे। मुंगेर विश्वविद्यालय के द्वारा आयोजित द्वितीय दीक्षांत समारोह का उद्घाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यपाल सह कुलाधिपति आरिफ मोहम्मद खान, मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर संजय कुमार, वड़ोदरा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति रमाशंकर दूबे ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया. इसके बाद मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर संजय कुमार के द्वारा कुलाधिपति सहित मंच पर उपस्थित आगंतुक अतिथियों को अंग वस्त्र शॉल,बुके व पौधा भेंट कर सम्मानित किया गया. वही इस अवसर पर राष्ट्रगान प्रस्तुत किया गया . वही इस अवसर पर क्लास का कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किए गए कुल गीत ऋषि मुद्गल की तपोभूमि में वेद ऋचाएं गुंजित है, सुनकर सभी भाव विभोर हो उठे. वही कुलाधिपति ने चयनित छात्र-छात्राओं को डिग्री ,गोल्ड मेडल प्रदान करने के बाद कहा कि शिक्षित युवा के रूप में आप इस विश्वविद्यालय से डिग्रियां हासिल करने के बाद लोक कल्याण एवं जगत कल्याण के साथ मानवता की सेवा में अपनी भूमिका निभाएंगे।
मैं आपके माता-पिता और गुरुओं को भी बधाई देना चाहता हूं। दुनिया में दो ही लोग हैं-एक हमारे माता–पिता, दूसरे हमारे गुरु, जो चाहते हैं कि उनका बच्चा और छात्र उनसे आगे निकल कर सफलता की ऊंचाइयों को छुए. उन्होंने कहा कि मैं खुद घर पहुंचने पर अपने माता-पिता व बचपन में प्राथमिक शिक्षा देने वाले अपने गुरु से आशीर्वाद लेता हूं.
उन्होंने कहा कि एक सफल जीवन की परिकल्पना के लिए श्रद्धा बहुत जरूरी है। इसलिए आपकी बात में आपको दृढ़ विश्वास होना चाहिए और अपने संस्कृति की संरक्षण की कोशिश करनी चाहिए, तभी आप सफलता की सीढ़ी चढ़ सकते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को उपनिषद सूत्र “सत्यं वद, धर्मं चर” का हवाला देते हुए कहा कि इसका अर्थ है-सत्य बोलो, धर्म का पालन करो और स्वाध्याय में आलस्य मत करो।
एक दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों के लिए इससे अच्छा संदेश नहीं हो सकता और इसे जीवन में अपनाने की कोशिश करनी चाहिए, तभी आप समाज और राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दे सकते हैं। अपने उद्बोधन के दौरान राज्यपाल ने बुद्ध ,महावीर, विवेकानंद से प्रेरित होने का आह्वान किया. भगवद गीता, वेदों एवं अन्य प्राचीन ग्रंथो के श्लोकों के माध्यम से भी छात्रों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि अपने बिहार वासियों का दूसरे राज्यों में बहुत महत्व है. दूसरे राज्य के लोग भी यह मानते हैं कि बिहार के लोग प्रतिभावान है. उन्होंने कहा कि बिहार में ही हम लोग आपस में अपने आपको बांट लेते हैं, जिससे हमारी शक्ति क्षीण होती है. हम लोग एकजुट रहेंगे तो हर हाल में कामयाब होंगे. इस अवसर पर मुंगेर के भाजपा विधायक प्रणव कुमार, बीआरएम महाविद्यालय की सहायक प्रोफेसर सह एनसीसी अधिकारी कुमारी नेहा, इतिहास विभागाधक्ष प्रोे श्याम कुमार, प्रोफेसर देवराज सुमन, जदयू नेता ज्ञानचंद पटेल, पूनम कुमारी, भाजपा नेत्री अंजू भारद्वाज, सुमेधा आर्या सहित अन्य थे.

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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