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मुंगेर एसपी के क्राइम रीडर के आवास के पास लगी आग से मची अफरा-तफरी

पौने घंटे तक आग पर पानी के तेज फव्वारे डालते हुए भीषण आग पर काबू पाया

लालमोहन महाराज, मुंगेर

मुंगेर जिले के एसपी सैयद इमरान मसूद एसपी के क्राइम रीडर के आवास से सेट एक क्षतिग्रस्त आवास में अचानक लगी आग से अफरा तफरी मच गई. हालांकि घटना की सूचना मिलते ही त्वरित कार्रवाई करते हुए अग्निशामक दस्ते ने लगभग पौने घंटे तक क्राइम रीडर अनिरुद्ध कुमार सिंह के आवास के पीछे क्षतिग्रस्त आवास में लगे पेड़ में लगी भीषण आग को बुझाया. आग लगी के दौरान अग्निशामक दस्ते व खुद क्राइम रीडर अनिरुद्ध कुमार सिंह ने जल्दबाजी दिखाते हुए आवास के बाहर खड़ी चार पहिया वाहन को हटाया . जिसके कारण चार पहिया वाहन को जलने से बचाया जा सका . अन्यथा चार पहिया वाहन भी आग की तेज लपटों में आने से जलकर खाक हो जाता . इस आग लगी की घटना में जान माल की कोई क्षति नहीं हुई. प्राप्त जानकारी के अनुसार एसपी आवास में क्राइम रीडर अनिरुद्ध कुमार सिंह कुछ विभागीय कार्यों से गए हुए थे . अचानक सूचना मिली कि क्राइम रीडर के आवास के समीप भीषण आग लग गई है. सूचना मिलते ही अग्निशामक दस्ते अपने बड़े वाहन लेकर तेजी से किले के अंदर स्थित भारत रत्न डॉ भीमराव अंबेदकर चौक के पास पहुंचे और वहां पर उपस्थित भारतीय पत्रकार संघ के प्रदेश अध्यक्ष सह देश के प्रतिष्ठित दैनिक अखबार आज के मुंगेर ब्यूरो प्रमुख पत्रकार लालमोहन महाराज से फैमिली कोर्ट का पता पूछा.श्री महाराज के द्वारा रास्ता बताए जाने के बाद भी अग्निशामक दल अपने वाहन को जिला परिषद कार्यालय के समीप रोक दिया.यह देख पत्रकार लालमोहन महाराज अग्निशामक दस्ते के वाहन को अपने बाइक से चलते हुए और रास्ता बताते हुए घटनास्थल पर पहुंचाया. घटनास्थल पर पहुंचते ही अग्निशामक दस्ते ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आवास के समीप रखे चार पहिया वाहन को हटाया और लगभग पौने घंटे तक आग पर पानी के तेज फव्वारे डालते हुए भीषण आग पर काबू पाया .

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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