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मुंगेर में बेखौफ अपराधियों ने 16 वर्षीय छात्र को मौत के घाट उतारा

इस हत्याकांड के चार नामजद अभियुक्त को पुलिस ने किया गिरफ्तार
लालमोहन महाराज, मुंगेरन.या रामनगर थाना क्षेत्र के फुलहट पाटम में बेखौफ अपराधियों ने प्रेम प्रसंग के एक मामले में 16 वर्षीय छात्र सूरज कुमार को मौत के घाट उतार दिया। वही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इस हत्याकांड के चार नामजद अभियुक्त को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है। वहीं शेष अन्य तीन नामजद अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी की जा रही है। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर सदर अस्पताल मुंगेर में पोस्टमार्टम कराया है । बताया जाता है कि फुल हट पाटम निवासी विपिन यादव के 16 वर्षीय पुत्र सूरज कुमार को सहपाठी साहिल व सुमित कुमार घर से बुलाकर यह कह कर ले गए कि चलो पिकनिक मनाएंगे। घर से थोड़ी दूर पर मौजूद दवा दुकानदार शंभू चौरसिया ,निर्मल चौरसिया ,मोनू कुमार गोरेश कुमार ,अंकित कुमार सहित हत्याकांड के कुल 7 नामजद अभियुक्त सूरज को पास की पहाड़ी लकड़ चूल्हा पर ले गए और उसको जान मारने की नियत से पत्थरों से लगातार प्रहार किया। इसके बाद धारदार हथियार से सूरज की गला रेतकर हत्या कर दी। हालांकि इस घटना को अंजाम दे रहे अपराधियों को मृतक के पिता विपिन यादव ने भी देखा और शोरगुल मचा कर अपने बेटे को हत्यारों से बचाने की भरपूर कोशिश की। अपराधियों ने यह देख मृतक के पिता को भी मौत के घाट उतारने के ख्याल से पीछा किया ।लेकिन घने जंगलों का फायदा उठाकर विपिन यादव पहाड़ी की झाड़ियों में छुप कर अपनी जान बचाई । घटना की अहले सुबह जंगलों से बाहर आए मृतक के पिता विपिन यादव ने मुखिया व अन्य ग्रामीणों को घटना की पूरी जानकारी दी। घटना की सूचना मिलते ही ग्रामीणों ने घटनाक्रम की जानकारी नयारामनगर थाना ध्यक्ष कौशल कुमार को दी। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस बलों के सहयोग से हत्याकांड के नामजद अभियुक्त शंभू चौरसिया ,निर्मल चौरसिया मोनू और अंकित कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर पूछताछ की और गिरफ्तार अभियुक्त की निशानदेही पर पहाड़ी पर छापेमारी कर मृतक सूरज का शव बरामद किया । शव का पोस्टमार्टम सदर अस्पताल मुंगेर में कराया गया । वही इस संबंध में सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी नंद जी प्रसाद कहते हैं कि पुलिस घटना के कारणों का पता लगा रही है। शीघ्र कांड का उद्भेदन किया जाएगा ।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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