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राममंदिर की सुंदरता में चार चांद लगाएगा अयोध्या रेलवे स्टेशन

ओम प्रकाश सिंह,अयोध्या।

भव्य राममंदिर की सुंदरता में चार चांद लगाने के लिए अयोध्या रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाया जा रहा है। केंद्र सरकार ने खजाने का मुंह खोल दिया है। स्टेशन की लागत सौ करोड़ से बढ़ाकर साढ़े तीन सौ करोड़ होने वाली है। इसमें से दो सौ चालीस करोड़ की रकम स्वीकृत कर दी गई है। राम नगरी अयोध्या मर्यादित ढंग से सज, संवर रही है अपने प्रभु भगवान श्रीराम के लिए। रामलला का बन रहा मंदिर जब पूर्ण होगा तो इसकी छटा निराली होगी। देश दुनिया के श्रद्धालुओं और पर्यटकों को विश्व स्तरीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार ने खजाने का मुंह खोल दिया। राम नगरी अयोध्या धाम का रेलवे स्टेशन अभी से लोगों को लुभा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चाहत है कि अयोध्या ऐसी सजे और संवरे की विश्व में यह मिसाल बने। इस चाहत को अंजाम देने के लिए केंद्र और उत्तर प्रदेश का विभिन्न सरकारी अमला जुट गया है। अयोध्या में श्रीराम अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बन रहा है। अयोध्या धाम का रेलवे स्टेशन अंतिम चरण में है। योजना यह है कि सड़क मार्ग से अयोध्या को देश के सभी हाईवे से, एक्सप्रेस वे से जोड़ा जाए। इसके अलावा भगवान श्रीराम से संबंधित वन गमन मार्ग और अन्य पौराणिक स्थलों को सजाया संवारा जाए। राम नगरी में बन रहे रेलवे स्टेशन को देखकर हर किसी की आंखें चुंधिया जाएंगीं।

रामनगरी के विकास को लेकर सांसद लल्लू सिंह दूसरे गडकरी साबित हो रहे हैं। उनके प्रयास का नतीजा है कि अयोध्या रेलवे स्टेशन देश के सबसे अच्छे रेलवे स्टेशन में परिवर्तित होने की ओर अग्रसर है। रेलवे स्टेशन निर्माण के प्रथम फेज के लिए आवंटित धन में वृद्धि की गयी है। पहले यह 100 करोड़ उसके बाद 131 करोड़ अब इसे बढ़ाकर 240 करोड़ कर दिया गया है। द्वितीय फेज के लिए 350 करोड़ की स्वीकृति हेतु रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भेजा गया है, जिसे जल्द स्वीकृति मिल जायेगी।

अयोध्या धाम स्टेशन को वातानुकूलित बनाया गया है। यहां लगी टाइल्स, पत्थर, शीशे, दरवाजे, लाइटिंग आदि इसकी भव्यता का एहसास करा रहे हैं। भवन के बीच में लगा भारी भरकम पंखा व ठीक उसके नीचे बनी फर्श की डिजाइन का आकर्षण यात्रियों का मन मोहने को तैयार है। यही नहीं स्टेशन परिसर के बाहर का विशाल परिसर भी इसकी भव्यता का गवाह बन रहा है। इस विशाल परिसर में दो फुट ओवरब्रिज में से एक, कर्मचारियों का आवास, पार्किंग स्थल आदि का निर्माण पहले ही पूरा हो चुका है। आम दिनों में प्रतिदिन औसतन तीन हजार के करीब यात्री आते-जाते हैं। राम मंदिर निर्माण होने के बाद इस संख्या में पांच से छह गुना श्रद्धालु यहां आ सकते हैं।
अयोध्या रेलवे स्टेशन का श्रीराम मंदिर मॉडल की तर्ज पर निर्मित किया जा रहा है। वातानुकूलित विशाल परिसर की दीवारों पर लिखी रामायण की चौपाइयां व प्रसंगों का चित्र आपको अयोध्या की संस्कृति का एहसास कराएगा। मुख्य द्वार के ऊपर धनुष चक्र और मुकुट का निर्माण होगा। स्टेशन का ऊपर हिस्सा ग्रीन लाइट से चमकेगा। इसके अलावा स्टेशन परिसर व प्लेटफार्म का विस्तार किया जा रहा है। जिससे करीब एक लाख तक की भीड़ यहां रुक सकेगी। साथ ही पूरा स्टेशन एलईडी लाइट से जगमगाएगा। यहां दो दर्जन पेयजल बूथ, श्रद्धालुओं के बैठने के लिए 150 से अधिक स्टील की बेंच लगाई जा रही हैं।

सांसद लल्लू सिंह ने बताया कि अयोध्या रेलवे स्टेशन में देश का सबसे बड़ा एयर कानकोर्स बनेगा। यह प्लेटफार्म एक से पांच तक को जोड़ेगा। इसके उपर कवर्ड रुफ बनेगा। इसके साथ में 12 एक्सीलेटर व 6 लिफ्ट लगायी जायेगी। अभी प्लेटफार्म 1, 2 व 3 का निर्माण हो गया है। इसे 5 व 6 तक बढ़ाया जायेगा। अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन के विकास हेतु 360 करोड़ का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा गया है। रामघाट हाल्ट पर यात्री सुविधओं का विकास किया जा रहा है। बाराबंकी अयोध्या अम्बेडकरनगर रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण पर युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है। जिसमें 31 दिसम्बर 2023 तक निर्धारित समय में पूरा कर लिया जायेगा।
अयोध्या आने वाले यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधा मुहैया करने के लिए भारतीय रेलवे ने योजनाओं पर यु़द्ध स्तर पर कार्य करना प्रारम्भ कर दिया है। रामनगरी अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं को वैश्विक मानकों के अनुसार सुविधाएं देने के लिए हम कटिबद्ध है। रेलवे विभाग में एक बड़ा रोल निभा रहा है। अयोध्या रेलवे स्टेशन पर उतरते ही तीर्थयात्रियों को यहां की प्रथम विकसित छवि का दर्शन होगा।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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