इन्फोटेन

राष्ट्रकवि सुमित्रा नंदन पंत की जयंती पर चौथा ‘उत्तराखंड साहित्य रत्न’ सम्मान कार्यक्रम का राजधानी दिल्ली में शानदार आयोजन

राजू बोहरा,/ तेवरऑनलाइन डॉटकॉम

नई दिल्ली। उत्तराखंड फिल्म एवं नाट्य संस्थान द्वारा राष्ट्रकवि सुमित्रानंदन पंत की 119वी जयंती की पूर्व संध्या पर हाल ही में 19 मई को गढ़वाल भवन के सभागार मे चौथा उत्तराखंड साहित्य रत्नसम्मान और उत्तराखंड के लोकगीत- संगीत के शानदार कार्यक्रम आयोजित किये गए जिसमे मुख्य अतिथि प्रखर समाजसेवी संजय शर्मा, विशिष्ठ अतिथि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी व कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव हरिपाल रावत के सानिध्य मे संस्था के प्रशासक बी लाल शास्त्री, संरक्षक कुलदीप भंडारी, अनिल पंत, संयोगिता ध्यानी, हरिंदर रावत, अरुण डोभाल, दर्शन सिंह रावत, सुनील नेगी, के एन पांडे, चंद्रमोहन पपनैं, किरण लखेड़ा, अंजू भंडारी, मधु भंडारी, कैलाश द्विवेदी, रमेश चंद्र घिंडियाल, चारु तिवारी, प्रदीप वेदवाल, के हाथों दीप प्रज्वलित किया गया।

इस अवसर पर उत्तराखंड फिल्म एवं नाट्य संस्थान की अध्यक्षा संयोगिता ध्यानी और सचिव सुमित्रा किशोर ने अतिथियों का हार्दिक अभिनन्दन व आभार प्रकट किया और अध्यक्षा संयोगिता ध्यानी ने बताया की हमारी संस्था राष्ट्रकवि सुमित्रानंदन पंत की जयंती विगत तीन वर्षों से नियमित आयोजित कर प्रति वर्ष उत्तराखंड साहित्य सम्मानउत्तराखंड के किसी सुधी साहित्यकार को प्रदान किया जा रहा है। इस वर्ष का सम्मान जिला पिथौरागढ़ चनोली गांव के इंद्र चंद्र रजवाड़ को उत्तराखंड की पृष्ठभूमि मे रचित उनकी अनेकों पुस्तको की रचना व आधुनिक पत्रकारिता मे उनके द्वारा निरंतर किए जा रहे कार्यो पर प्रदान किया जा रहा है।

संस्था की अध्यक्षा ने संस्था के उद्देश्यों व भावी योजनाओं पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संजय शर्मा व विशष्ट अतिथि क्रमशः भगत सिंह कोश्यारी व हरिपाल रावत का संस्थान के पदाधिकारियों द्वारा शॉल ओढा कर व पुष्प भेट कर आदर-सत्कार किया गया। सभागार मे उपस्थित अन्य विशिष्ट अतिथियों मे आनंद प्रकाश शर्मा, डॉ सुमन बिष्ट, राम किसन जोशी इत्यादि का भी संस्था के पदाधिकारियों की ओर से शाल ओढा कर सम्मान किया गया।

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के हाथों चौथा उत्तराखंड साहित्य रत्न सम्मानइंद्र चंद्र रजवार को उनकी पत्नी ममता रजवार की मंच पर उपस्थित व सभागार मे बैठे उत्तराखंड के अनेकों प्रबुद्ध साहित्यकारो, पत्रकारों, सांस्कृतिक संस्थाओं से जुड़े रंगकर्मियों व समाज सेवियो की उपस्थिति मे प्रदान किया गया। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने अपने वक्तव्य मे कहा की मुझे अपने  लोगो के बीच आकर अपनी बोली-भाषा बोलना अच्छा लगता है। दिल्ली प्रवास मे उत्तराखंड के प्रवासियों के मध्य राष्ट्रकवि पंत की जयंती मनाना अच्छा लगा। अपने बीज व्याख्यान मे राष्ट्रकवि सुमित्रानंदन पंत द्वारा जीवन पर्यंत की गई साहित्य सेवा का सविस्तार भगत सिंह कोश्यारी ने वर्णन किया। इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार दाताराम चमौली भी मौजूद थे ,

उन्होंने कहा नदिया, झरने, वन, उपवन व्यक्ति के अंदर चाहे वे अनपढ़ ही क्यों न हों, जो रचना रचते हैं अदभुत होती हैं। शेरदा अनपढ़ का उदाहरण उन्होंने दिया। उन्होंने कहा प्रकृति मे से ही नाट्य व संगीत कला का उदय होता है। शिव का रास्ता उत्तराखंड से होकर गुजरता है। उनके डमरू की थाप सर्वस्व गुंजायमान है। उत्तराखंड पवित्र भूमि है। प्रकृति का स्वभाविक रूप है। कठिनाइयों के बीच भी पत्थरों मे भी शिलाजीत निकलती है, जो शक्तिवर्धक है। उत्तराखंड की भूमि से क्या नही निकल सकता है? उन्हीं मे सुमित्रानंदन पंत एक थे। हम कला करते हैं, जीवन जीते हैं, वे आजीवन ब्रहमचारी रहे। बचपन से अंतिम समय तक प्रकृति से तादात्म्य स्थापित किए रहे। 

raju bohra

लेखक पिछले 25 वर्षो से बतौर फ्रीलांसर फिल्म- टीवी पत्रकारिता कर रहे हैं और देश के सभी प्रमुख समाचार पत्रों तथा पत्रिकाओ में इनके रिपोर्ट और आलेख निरंतर प्रकाशित हो रहे हैं,साथ ही देश के कई प्रमुख समाचार-पत्रिकाओं के नियमित स्तंभकार रह चुके है,पत्रकारिता के अलावा ये बतौर प्रोड्यूसर दूरदर्शन के अलग-अलग चैनल्स और ऑल इंडिया रेडियो के लिए धारावाहिकों और डॉक्यूमेंट्री फिल्म का निर्माण भी कर चुके। आपके द्वारा निर्मित एक कॉमेडी धारावाहिक ''इश्क मैं लुट गए यार'' दूरदर्शन के''डी डी उर्दू चैनल'' कई बार प्रसारित हो चुका है। संपर्क - journalistrajubohra@gmail.com मोबाइल -09350824380

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button