लिटरेचर लव

लुबना (फिल्म स्क्रीप्ट, भाग -6)

           Scene -14

Characters – लुबना

Ext/Night/ Out side hut.

(लुबना अकेली डगमगाते हुये श्मसान के पास चली जा रही है। कुछ दूरी पर एक चिता जल रहा है। वह धूसर को इधर-उधर देखती है। चिता के पास श्मसानी जैकेट पहने बैठा हुआ है। लुबना को लगता है कि वह धूसर है। उसे ठंड का अहसास होता है, वह चिता के पास आती है। चिता की गर्मी उसे अच्छा लगता है। वह श्मसानी को धूसर समझकर पीछे से उसे पकड़कर बैठ जाती है, और अपना सिर उसके कंधे पर लुढ़का देती है।)

 

                           लुबना

(पीछे से कांधे पर सिर रखे हुये, लड़खड़ाती जुबान में) मैं उधर तेरा इंतजार कर रही थी, और तू यहां आग की गर्मी ले रहा है??

                            श्मसानी

(श्मसानी गर्दन घुमाकर उसकी ओर थोड़ा आश्चर्य से देखता है, और फिर हड़बड़ाकर उठने की कोशिश करता है, लेकिन नशे में धुत्त लुबना उसका जैकेट पकड़कर उसे वापस खींच लेती है। लुबना की छाती की गर्मी को श्मसानी अपनी पीठ पर महसूस करता है। इसके पहले कि वह कुछ समझ पाता, लुबना अपना हाथ उसके दोनों जांघों के बीच पीछे से घुसा देती है। लुबना की गर्म सांसे उसके गर्दन पर पड़ती है। उसकी हाथों के हरकत से उसके ऊपर भी उन्माद छाने लगता है। वह अपनी आंखें बंद करके लुबना के हाथों के हरकत का आनंद लेता है)

                                                             इंटर कट….

 

                                  Scene -13- A

 Characters – Dhusar and Ratiya

(नशे में डगमगाते हुये धूसर रतिया को लुबना समझकर उसके पीछे लेट जाता है, और ऊपर से ही अपने हाथ से उसके कमर और जांघों को सहलाने लगता है। रतिया चौंकती है फिर वह भी धूसर के हाथों की हरकत का मजा उठाने लगती है। धूसर उसके साड़ी के अंदर अपने हाथ डालता है। रतिया पलटती है, बुरी तरह नशे में होने के बावजूद धूसर थोड़ी देर के लिए अवाक रह जाता है, लेकिन रतिया उसे अपनी बांहों में जकड़ लेती है, और फिर धूसर भी उसमें डूब जाता है।)

                                                                इंटर कट

 

                             Scene -14- A

Characters – लुबना और श्मसानी

Ext/Night/ Out side hut.

 (लुबना श्मसानी के गर्दन पर अपना जीभ फेर रही है, और अपने हाथ से दोनों जांघों के बीच मसल रही है। आंख बंद किये हुये श्मसानी पूरी तरह से मदहोश की स्थिति में है। अचानक वह पलटता है और लुबना को जमीन पर लिटा देता है। लुबना की आंखे बंद है। श्मसानी उसके दोनों जांघों को पकड़कर उसे अपनी ओर खिंचता है।)

                               इंटर कट

धूसर और रतिया का प्रेम दृश्य

                                 इंटर कट

 आग के नजदीक शराब के नशे में मदहोश लेटा हुआ शंभू व सुखु, और उसी के पास सो रहे बच्चे।

                                इंटर कट

                           Scene -14- b

Characters – लुबना और श्मसानी

Ext/Night/ Out side hut.

(श्मसानी आंखे बंद करके एक गहरी सांस लेता है, लुबना पर उसकी पकड़ कमजोर होती है। उसे छोड़कर वह उसके बगल में लेट जाता है। लुबना पेट के बेल जमीन पर लेट के कुलबुलाती है।)

                                   इंटर कट

धूसर के नाखून रतिया के कमर में धंसता है, रतिया चिहुंक जाती है। वह गुस्से से धूसर की ओर देखती है, फिर हौले से मुस्कराती है।

                                                               इंटर कट…

                                 लुबना

(आंखे बंद किये हुये, धीरे से)

साला पंजा क्यों नहीं मारा ?

(बगल में लेटा श्मसानी अपने उखड़े हुये सांसों को नियंत्रित कर रहा है)

                                   लुबना

(उसकी ओर पलटते हुये)… साला क्या हुआ..पंजा क्यों नहीं मारा…..

(उसकी नजर श्मसानी पर पड़ती है, और नशे की हालत में होने के बावजूद उसे अहसास होता है कि यह धूसर नहीं कोई और है। वह बिफर पड़ती है)

साला कुत्ता….टांग उठाकर चला आया…और मूत कर अभी भी सूंघिये रहा है…कौन है रे कुतिया के जना..? पंजा क्यों नहीं मारा? (गुस्से की तीव्रता बढ़ती है) मतलब की तू कोई और है…(पागलों की तरह जोर से चिल्ला उठती है) हो बाप…कुत्ता आ गइलों हो बाप…!!  कुत्ताखेल हो गइलो रे धूसर !!

(श्मसानी आवाक होकर उसकी ओर देख रहा है)

 

                           इंटर कट

(झोपड़ी के अंदर आवाज सुनकर धूसर तेजी से बाहर की ओर भागता है।)

                             इंटर कट

(शंभू और सुखु भी आवाज सुनकर चौंक कर उठते हैं, और तेजी से आवाज की दिशा में बढ़ते हैं)

                                इंटर कट

(एक ओर से सरोज भी दौड़ती है और मनकु भी नशे की हालत में जमीन पर से उठता है। )

                               इंटर कट

(धुसर दौड़ते हुये लुबना के पास आता है। चिता की आग कुछ ठंडी हो गई है,लेकिन लपटे अभी भी निकल रही है। श्मसानी अभी भी चिता के पास अवाक मुद्रा में बैठा है।)

                               धूसर

 (श्मसानी की ओर देखते हुये)

कौन है रे ??

                                शंभू

(चिता के करीब आते हुये, श्मसानी को पहचानते हुये सहज भाव से, मनकु से)

वही पगला श्मसानी….जो दिन भर श्मसान में घूमते रहता है और चून-बीन कर पत्तल ठोंगा से जूठन खाता है…..

(रतिया, सरोज, सुखु और मनकु भी वहां पहुंच जाते हैं)

                                लुबना

( धूसर की ओर देखकर चीखते हुये) देखता क्या रे धूसर !….कुतवा के मार….जूठा कर दिया है तेरी बाल्टी को…

                                धूसर

(उसकी बातों की अनदेखी करके अनमने ढंग से )

छिनार कहीं की….!! रण्डखेल करती है… !! नटखेलिन आज की है !!

(नशे की हालत में वह डगमगाते हुये लौट जाता है)

                             शंभू

(लुबना से समझाने वाले अंदाज में)

लुबना बेटा….ई कुत्ता भी अपनी बिरादरी का है…एकाध बार मुंह लगा दिया तो फिक्र नहीं करने का….मुंह चाटना तो कुत्ता का धर्म ही है…तुमको जुठाके अपना धर्म निभाया है….आज से विशेष ध्यान रखना…कभी कभार कुत्ता को भी चारा दे देना…नहीं तो टरकने के बजाय लटक जाएगा…खातिरदारी करना, सोच समझकर एक आध बार कुत्तो को भी काशी नहाना चाहिये…डरना मत…

(रतिया, मनकु, सुखु और सरोज की ओर देखते हुये)

जाके सो जाओ सब…..कुछ नहीं हुआ है।

(सभी लोग लौट जाते हैं. वहां पर खड़ी लुबना यह सब सुनकर सन्न रह जाती है। गुस्से का तेज आवेग उस पर हावी होता है। वह श्मसानी की ओर लपकती है और बाल पकड़कर उसे झकझोरती है। फिर अपनी पूरी ताकत से उसके दोनों जांघो के बीच काट खाती है। किसी तरह से अपने आप को छुड़ाकर श्मसानी वहां से जान प्राण लेकर दौड़ते हये भागता है। लुबना जमीन पर निढाल होकर गिर पड़ती है और फफककर रोते हुये गुस्से से जमीन पर मुक्के मारती है। बगल में रतिक्रिया के दौरन श्मसानी के शरीर से निकला हुआ खादी का जैकट जमीन पर पड़ा हुआ है।)

                                                     कट टू……

 (…जारी है)

 

 

 

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