लॉक डाउन के इस मुश्किल समय में स्वयं सेवी संस्था गौ-शक्ति पीठ जरूरतमंदों के लिए समर्पित होकर आगे आई
राजू बोहरा नई दिल्ली/तेवरऑनलाइन.डॉटकॉम
आज भारत ही नहीं वरन सम्पूर्ण विश्व एक चिकित्सीय आपातकाल से गुजर रहा है, विकासशील और ऊपर से दुनिया में आबादी के मामले में दूसरा देश होने के नाते भारत की स्थिति बेहद जटिल है। एक तो ऐसी बीमारी से लड़ना और उससे अपना बचाव करना जिसका इलाज विज्ञान अभी खोज नहीं पाया है दूसरे लॉक डाउन व्यवस्था के आकस्मिक लागू हो जाने के कारण जीवन के हर क्षेत्र में प्रतिबंध का सामना करना| बहुत से ऐसे भारतीय भी हैं, जो घर बार होते हुए भी दूसरे स्थानों पर फंसकर निराश्रय स्थिति में समय व्यतीत करने के लिए विवश हैं। हर तरह का काम रुक जाने से दैनिक मजदूरी से जीवन यापन करने वाले बहुत से गरीब भारतीयों के पास रहने, खाने के साधनों के अभाव की स्थितियाँ भी देखने को मिल रही हैं| केंद्र सरकार एवं विभिन्न राज्य सरकारें हर संभव प्रयास कर रही हैं कि देशवासियों को जीवनयापन हेतु आवश्यक वस्तुएं मिलती रहें, परंतु भारत जैसे विशाल देश में सभी को शीघ्र सहायता मिल जाये इसके लिए नागरिक संगठनों को भी आगे बढ़कर सेवा कार्य में जुटकर लग जाने की आवश्यकता आन पड़ी है| ऐसे संकट काल में दिल्ली स्थित लाभ-निरपेक्ष स्वयं सेवी संस्था “गौ-शक्ति पीठ” संस्था कमर कस कर मानव सेवा का कर्त्तव्य निभा रही है और दैनिक स्तर पर हजारो गरीबों को दो वक्त्त का भोजन उपलब्ध करा रही है|
संस्था के एक संस्थापक ध्यान सिंह कसाना कहते हैं, “हम भारतीय पुण्य कमाने के लिए, अपने पूर्वजों की स्मृति को अमर करने के लिए धर्मशालाएं बनवाते हैं, और भी बहुत कुछ ऐसा करते हैं, जिससे हमें आत्मिक संतोष प्राप्त हो। प्राचीन काल से ही सनातन भारतीय जीवन दर्शन में दया और मानव सेवा का स्तर उच्च माना गया है। आज प्रकृति ने सामर्थ्यवान भारतीयों के समक्ष नरसेवा के रूप में घर बैठे पुण्य कमाने का अवसर प्रदान किया है तो हमें आगे बढ़कर ईश्वरीय प्रेरणा से उपजे कार्य को पूरा करना ही है|” वे आगे कहते हैं‘” मानव द्वारा विभिन्न बीमारियों के विरुद्ध प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने में आयुर्वेद एवं पंचगव्य आदि की महत्ता के बारे में भी हम लोगों को लगातार जागरूक कर रहे हैं जिससे वे कोरोना रुपी दानव को शक्तिहीन कर सकें|
संस्था के दूसरे संस्थापक विपिन कुमार शर्मा हामी भरते कहते हैं हमने दिल्ली में महावीर एंक्लेव, विजय एंक्लेव, दशरथ पुरी, सीता पुरी और डाबड़ी गांव, आदि जगहों के गरीब और निराश्रय लोगों के लिए भोजन वितरण का सेवा कार्य प्रारम्भ किया है। रवि वर्मा ,संजय वर्मा ,प्रवीन शर्मा, संजीव मिश्रा एवं प्रशासन, विशेषतया डाबड़ी पुलिस स्टेशन के एस एच ओ साहब, श्री हेमन्त जी का सक्रिय सहयोग एवं प्रबंधन इस पुनीत कार्य के लिए मिल रहा है। भारत के माननीय प्रधानमंत्री की सामाजिक दूरी की अपील का विशेष ध्यान रखकर ही हम इतने बड़े भोज का आयोजन कर रहे हैं|
वे आगे कहते हैं,” हम इन क्षेत्रों में कार्यरत बिल्डर और ठेकेदार बंधुओं से निवेदन कर रहे हैं कि वे अपने अपने निर्माण स्थलों पर कार्यरत गरीब मजदूरों के लिए भोजन जैसी जीने के लिए न्यूनतम आवश्यक सामग्री का प्रबन्ध करते रहें। उनकी मेहनत से ही लाखों करोड़ों की इमारतें निर्मित होती हैं। आज देशव्यापी संकट की घड़ी हमारे सामने है और दैनिक रूप से कमा कर पेट भरने वाले गरीब तबके के समक्ष जीने की समस्या उत्पन्न हो गई है। कार्य बन्द हैं। भूखे मजदूरों और उनके परिवार वालों को भोजन उपलब्ध कराना इनका नैतिक कर्तव्य तो है, ही इंसानी फ़र्ज़ भी है।“
ध्यान सिंह कसाना एवं विपिन शर्मा दोनों ही इस बात को भी कहते हैं कि जरूरतमंदों की आबादी ज्यादा होने के कारण एक संस्था के रूप में उन्हे साधनों की कमी खल रही है। अब इन इलाकों एवं दिल्ली या अन्य जगहों के सामर्थ्यवान लोगों के ऊपर है कि तन, मन और धन से सामूहिक रसोई चलाने के इस पावन अभियान में भागीदारी करके वे ना केवल पुण्य कमाएं बल्कि वर्तमान में जरूरतमंद बन चुके भारतीयों को भोजन प्रदान करने का माध्यम बनकर इंसानी कर्तव्य का निर्वाह करें।