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संजय लीला भंसाली की हीरामंडी में अपनी भूमिका से प्रेरित होकर,ऋचा चड्ढा कथक का प्रशिक्षण जारी रखेंगी

ऋचा चड्ढा पूर्णमीलन के लिए तैयार हैं, लेकिन यह कोई व्यक्ति के साथ नहीं होना है। अभिनेत्री ने औपचारिक रूप से कथक के शास्त्रीय नृत्य रूप में बचपन में ट्रेनिंग लिया था, लेकिन बोर्ड परीक्षाओं के कारण रिचा को रुकने के लिए मजबूर होना पड़ा। लेकिन जब संजय लीला भंसाली द्वारा निर्देशित होने का मौका मिला तो उन्होंने इसे जाने नहीं दिया, रिचा ने फिर से कथक की ट्रैनिंग लेना शुरू कर दिया।

अभिनेत्री कहती हैं, “मैंने कथक बचपन में पंडित अभय शंकर मिश्रा के अधीन दस साल तक एक बच्चे के रूप में ट्रेनिंग लिया। फिर जिंदगी आगे बढ़ी और डांस के लिए मेरा प्यार पीछे छूट गया। मुझे डर था कि मैं इस कला में अपना स्पर्श खो दूंगी, यह अभ्यास पर निर्भर करता है। लेकिन यह तैरने जैसा महसूस हुआ और मुझे लगता है कि मैं लाइफजैकेट के बिना तैर सकती हूं। मुझे लगता है कि डांस में एक व्यक्ति को लोगो को अधिक जमीन से जुड़ा हुआ, आत्मविश्वासी और निश्चित रूप से खुश करने की क्षमता है। थिरकते रहना एक दवा है। इस साल मैं अपने गुरु पं. राजेंद्र चतुर्वेदी के तत्वावधान में नृत्य रूप में अपनी डिग्री पूरी करने की उम्मीद करती हूं।”

नेटफ्लिक्स के लिए वेब सिरीज़, जो संजय लीला भंसाली की एक महत्वाकांक्षी प्रोजैक्ट है, इसमें सोनाक्षी सिन्हा, अदिति राव हैदरी, मनीषा कोइराला, फरदीन खान और परेश पाहुजा भी हैं।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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